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टाइटेनियम से बने ‘राम दरबार’ की खासियत क्या है, जानें यहां क्यों किया गया इस धातु का इस्तेमाल?

अयोध्या में भगवान रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण तेजी से जारी है और लगभग आधा काम पूरा हो चुका है। पहले तल का निर्माण लगभग तैयार है

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टाइटेनियम से बने ‘राम दरबार’ की खासियत क्या है, जानें यहां क्यों किया गया इस धातु का इस्तेमाल?
  • August 24, 2024 4:21 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 months ago

नई दिल्ली: अयोध्या में भगवान रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण तेजी से जारी है और लगभग आधा काम पूरा हो चुका है। पहले तल का निर्माण लगभग तैयार है और अब दूसरे तल का काम तेजी से किया जा रहा है। इस मंदिर के प्रथम तल पर संगमरमर से बनी भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान जी की मूर्तियों के साथ एक और विशेष राम दरबार तैयार किया जा रहा है, जो टाइटेनियम धातु से बना होगा।

टाइटेनियम से बनेगी उत्सव की मूर्तियां

इस मंदिर में दो प्रकार की मूर्तियां होंगी। एक स्थायी संगमरमर की मूर्तियां, जिन्हें मंदिर के प्रथम तल पर स्थापित किया जाएगा। वहीं, दूसरी तरफ उत्सव मूर्तियों के रूप में टाइटेनियम से बनी मूर्तियां बनाई जा रही हैं, जिन्हें विशेष अवसरों पर मंदिर से बाहर निकाला जा सकेगा।

टाइटेनियम धातु का चयन इसलिए किया गया है क्योंकि यह बेहद मजबूत और टिकाऊ होती है। यह धातु इतनी सक्षम है कि इसका इस्तेमाल पनडुब्बियों के निर्माण में भी होता है। पानी, हवा, मिट्टी या किसी भी प्राकृतिक परिस्थिति में यह धातु कभी खराब नहीं होती, जिससे इसे मूर्तियों के लिए परफेक्ट माना गया है।

टाइटेनियम राम दरबार का निर्माण

रक्षा मंत्रालय की संस्था मिधानी (MIDHANI) ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को टाइटेनियम से बना राम दरबार सौंपा है, जो मंदिर के प्रथम तल पर संगमरमर के राम दरबार के साथ रखा जाएगा। मिधानी के अनुसार, टाइटेनियम से बनी यह मूर्तियां लंबे समय तक अपनी चमक और मजबूती बनाए रखेंगी।

मूर्तियां जल्द होंगी स्थापित

श्रीराम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि मंदिर का निर्माण तेजी से प्रगति पर है और अक्टूबर तक टाइटेनियम से बनी मूर्तियां मंदिर में पहुंच जाएंगी। उन्होंने यह भी बताया कि रक्षा मंत्रालय की संस्था ने ब्रॉन्ज का भी सप्लाई किया है, जिससे मंदिर परिसर में 6×4 फीट के 90 म्यूरल्स बनाए जाएंगे।

टाइटेनियम मूर्तियों की खासियत

टाइटेनियम धातु की खासियत यह है कि यह सुरक्षा उपकरणों में भी उपयोग होती है और इसका जीवनकाल बेहद लंबा होता है। इस धातु से बनी मूर्तियां मंदिर परिसर में न केवल खास अवसरों पर निकाली जाएंगी बल्कि लंबे समय तक अपनी मौलिकता और सुंदरता को बरकरार रखेंगी।

 

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