नई दिल्ली: लाइन के झंझटों से बचने के लिए अब ज़्यादातर लोग ऑनलाइन टिकट बुक करने लगे हैं। इसकी वजह से अब फ़िल्में देखना काफ़ी आसान हो गया है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि टिकट बुकिंग प्लेटफ़ॉर्म Bookmyshow और PVR चुपचाप आपकी जेब काट रहे हैं। हाल ही में हुए एक सर्वे में पता […]
नई दिल्ली: लाइन के झंझटों से बचने के लिए अब ज़्यादातर लोग ऑनलाइन टिकट बुक करने लगे हैं। इसकी वजह से अब फ़िल्में देखना काफ़ी आसान हो गया है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि टिकट बुकिंग प्लेटफ़ॉर्म Bookmyshow और PVR चुपचाप आपकी जेब काट रहे हैं। हाल ही में हुए एक सर्वे में पता चला है कि कंपनियां सोशल डोनेशन या अन्य नाम पर अलग-अलग तरीकों से लोगों की जेबें काट रही हैं।
LocalCircles के एक सर्वे में पता चला है कि मूवी और इवेंट टिकटिंग के कारोबार में डार्क पैटर्न का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा है। सर्वे में 73 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे बास्केट स्नीकिंग के शिकार हुए हैं। बास्केट स्नीकिंग में कंपनियाँ ग्राहक को बताए बिना उसके कार्ट में अतिरिक्त चार्ज जोड़ देती हैं। करीब 80 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें बुकिंग के दौरान हिडन चार्ज देना पड़ा। इसके अलावा 62 प्रतिशत लोग टिकट बुक करते समय बेवजह के मैसेज का शिकार हुए हैं। ऐसे मैसेज बताते हैं कि अगर आपने जल्द ही टिकट बुक नहीं किया तो आपको पछताना पड़ेगा।
इस सर्वे में देश के 296 जिलों के करीब 22 हजार लोगों से बातचीत की गई। इनमें से 61 फीसदी पुरुष और 39 फीसदी महिलाएं थीं। सर्वे में टियर 1 शहरों से 44 फीसदी, टियर 2 से 31 फीसदी और टियर 3 और 4 शहरों से 25 फीसदी लोग शामिल थे। इनसे अलग-अलग मूवी और इवेंट टिकट ऐप के बारे में उनकी राय पूछी गई। लोगों ने पीवीआर, बुक माई शो और पेटीएम इनसाइडर को लेकर 3 तरह के डार्क पैटर्न की शिकायत की। उन्होंने बताया कि बुक माई शो बास्केट स्नीकिंग, ड्रिप प्राइसिंग और फॉल्स अर्जेंसी जैसी ट्रिक करता है। इसके अलावा पीवीआर और पेटीएम इनसाइडर भी बास्केट स्नीकिंग और ड्रिप प्राइसिंग में शामिल हैं।
लोगों ने बताया कि ये कंपनियां टिकट की कीमतें कम रखती हैं। लेकिन, इस पर ऑनलाइन बुकिंग का भारी भरकम शुल्क वसूलती हैं। इसके अलावा कंपनियों द्वारा पहले से ही कई अतिरिक्त शुल्क जोड़े जाते हैं। अगर आप इन्हें सावधानी से नहीं हटाते हैं तो आपकी जानकारी के बिना बुकिंग के दौरान वह पैसा भी कट जाता है। इसके अलावा लोगों ने बताया कि उनसे अनावश्यक जानकारी भी मांगी जाती है। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने 2023 में ऐसे 13 डार्क पैटर्न के बारे में जानकारी दी थी। इसके साथ ही इन्हें भ्रामक विज्ञापन और अनुचित व्यापार व्यवहार माना था।
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