भारत और जापान के रिश्ते में पड़ सकती है दरार, जानें इसके पीछे की वजह कौन?

नई दिल्ली: निजी क्षेत्र की प्रमुख बैंक, एचडीएफसी बैंक के बोर्ड ने एक बड़ा फैसला लेते हुए नॉन-बैंकिंग सब्सिडियरी एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज में जापान की मित्सुबिशी यूएफजे फाइनेंशियल ग्रुप (MUFG) की 2 बिलियन डॉलर में 20% हिस्सेदारी खरीदने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। इस फैसले के बाद भारत और जापान के दशकों पुराने आर्थिक […]

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भारत और जापान के रिश्ते में पड़ सकती है दरार, जानें इसके पीछे की वजह कौन?

Yashika Jandwani

  • August 23, 2024 6:44 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

नई दिल्ली: निजी क्षेत्र की प्रमुख बैंक, एचडीएफसी बैंक के बोर्ड ने एक बड़ा फैसला लेते हुए नॉन-बैंकिंग सब्सिडियरी एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज में जापान की मित्सुबिशी यूएफजे फाइनेंशियल ग्रुप (MUFG) की 2 बिलियन डॉलर में 20% हिस्सेदारी खरीदने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। इस फैसले के बाद भारत और जापान के दशकों पुराने आर्थिक संबंधों में तनाव पैदा हो सकता है।

एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज

MUFG की योजना थी कि इस हिस्सेदारी के जरिए वह भारतीय वित्तीय बाजार में प्रवेश कर सके, जो दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते हुए बाजारों में से एक है। इस डील से MUFG को एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज में को-प्रमोटर का दर्जा मिल जाता। हालांकि, एचडीएफसी बैंक ने इस प्रस्ताव को नकारते हुए कंपनी की स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग की योजना को प्राथमिकता दी है। यह डील अगर हो जाती, तो यह भारतीय फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर में अब तक का सबसे बड़ा विदेशी निवेश होता। हालांकि अब, एचडीएफसी बैंक के इस फैसले से जापान की सरकार में नाराजगी की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। जापान की सरकार ने इस डील का समर्थन किया था और भारत के प्रधानमंत्री कार्यालय, विदेश मंत्री एस जयशंकर और वित्त मंत्रालय को भी डील के समर्थन के बारे में सूचित किया था।

 HDB Financial Services

रिपोर्ट्स के अनुसार, जापान इस डील के रद्द होने पर भारत सरकार के सामने अपनी निराशा व्यक्त कर सकता है। इससे दोनों देशों के बीच आर्थिक और सामरिक संबंधों पर भी नकारात्मक असर पड़ने की संभावना है। इस डील पर 2021 से बातचीत चल रही थी, और जापान में आर्थिक सुस्ती के चलते वहां की कंपनियां एशिया के अन्य देशों में निवेश की संभावनाओं की तलाश कर रही थीं।

स्टॉक एक्सचेंज लिस्ट

एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज की स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ेगी। आरबीआई के रेगुलेशंस के तहत, एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज को सितंबर 2025 से पहले स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट तैयार करना जरूरी है. यह लिस्टिंग 2024 की आखिरी तिमाही या 2025 की पहली तिमाही में हो सकती है।

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