सऊदी अधिकारी ने प्रिंस सलमान पर लगाया बड़ा आरोप, यमन युद्ध के लिए किए थे पिता के जाली हस्ताक्षर

नई दिल्ली: सऊदी के एक पूर्व खुफिया अधिकारी साद अल-जाबरी ने क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पर यमन युद्ध के लिए अपने पिता के जाली हस्ताक्षर करने का आरोप लगाया है. वहीं एसोसिएटेड प्रेस को दिए एक बयान में अल-जाबरी ने दावा किया कि क्राउन प्रिंस ने किंग सलमान की जानकारी के बिना डिक्री पर […]

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सऊदी अधिकारी ने प्रिंस सलमान पर लगाया बड़ा आरोप, यमन युद्ध के लिए किए थे पिता के जाली हस्ताक्षर

Deonandan Mandal

  • August 20, 2024 5:40 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

नई दिल्ली: सऊदी के एक पूर्व खुफिया अधिकारी साद अल-जाबरी ने क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पर यमन युद्ध के लिए अपने पिता के जाली हस्ताक्षर करने का आरोप लगाया है. वहीं एसोसिएटेड प्रेस को दिए एक बयान में अल-जाबरी ने दावा किया कि क्राउन प्रिंस ने किंग सलमान की जानकारी के बिना डिक्री पर हस्ताक्षर किए.

अल-जाबरी ने क्या कहा?

अल-जाबरी, जो वर्तमान में कनाडा में रह रहे हैं, वो सऊदी सरकार के साथ लंबे समय से विवाद में उलझे हुए हैं. उनके दो बच्चे कैद में हैं, जिसे वह सउदी अरब लौटने के लिए मजबूर करने के प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि क्राउन प्रिंस उनकी हत्या कराना चाहते हैं और उन्होंने मेरी हत्या की योजना बनाई. वह तब तक आराम नहीं करेंगे जब तक वह मुझे मरा हुआ नहीं देख लेते. मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है.

खुद को एक पिता अल-जाबरी जो अपने बच्चों की रिहाई के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है. वो इस बात पर जोर दिया कि वह कोई असंतुष्ट नहीं है बल्कि एक पूर्व उच्च पदस्थ अधिकारी है जो सऊदी अरब की सुरक्षा के लिए समर्पित है. उन्होंने दावा किया कि सऊदी आंतरिक मंत्रालय के एक विश्वसनीय सूत्र ने उन्हें सूचित किया कि प्रिंस मोहम्मद, जो उस समय रक्षा मंत्री थे, तब किंग सलमान के स्थान पर युद्ध डिक्री पर हस्ताक्षर किए थे.

अमेरिकी विदेश विभाग ने टिप्पणी करने से किया इनकार

यमन में 2015 में शुरू हुए विनाशकारी युद्ध ने 150,000 से अधिक लोगों की जान ले ली है और इससे गंभीर मानवीय संकट पैदा हो गया है. निर्वासित सऊदी खुफिया अधिकारी साद अल-जाबरी ने विस्फोटक आरोप लगाते हुए क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पर युद्ध शुरू करने के लिए अपने पिता के जाली हस्ताक्षर करने का आरोप लगाया है. सऊदी सरकार ने अल-जाबरी को बदनाम पूर्व अधिकारी कहकर खारिज कर दिया है, जबकि अमेरिकी विदेश विभाग ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है.

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