नई दिल्ली: पसीना आना एक सामान्य प्रक्रिया है जो शरीर के तापमान को नियंत्रित करने और अपशिष्ट बाहर निकालने में मदद करती है। हालांकि, जब पसीना अधिक आने लगता है, तो यह चिंता का कारण बन सकता है। इस स्थिति को हाइपरहाइड्रोसिस के नाम से जाना जाता है और यह कई स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत […]
नई दिल्ली: पसीना आना एक सामान्य प्रक्रिया है जो शरीर के तापमान को नियंत्रित करने और अपशिष्ट बाहर निकालने में मदद करती है। हालांकि, जब पसीना अधिक आने लगता है, तो यह चिंता का कारण बन सकता है। इस स्थिति को हाइपरहाइड्रोसिस के नाम से जाना जाता है और यह कई स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है।
हाल ही में किए गए रिसर्च में यह बात सामने आई है कि अधिक पसीना आना विटामिन डी की कमी का भी कारण हो सकता है। विटामिन डी कैल्शियम और फास्फोरस के अवशोषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसी के साथ-साथ यह हमारी हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने के साथ-साथ प्रतिरक्षा प्रणाली, हृदय स्वास्थ्य, और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी मदद करता है।
विटामिन डी की कमी मुख्यतः धूप के संपर्क में न आने, भोजन में इसकी कमी और मोटापे के कारण हो सकती है। विटामिन डी की कमी पसीने की ग्रंथियों की अत्यधिक सक्रियता का कारण बनती है, जिससे अधिक पसीना निकलता है। इसके अलावा, विटामिन डी की कमी से थकान, मांसपेशियों की कमजोरी, मूड स्विंग, हड्डियों में दर्द और बालों का झड़ना जैसे लक्षण भी हो सकते हैं। बता दें, विटामिन डी हमारे ऊर्जा स्तर को बनाए रखने, मांसपेशियों को मजबूत रखने, मूड स्विंग काम करने, हड्डियों को स्वस्थ रखने और बालों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इन समस्याओं से बचने के लिए विटामिन डी का सही मात्रा का सेवन करना और धूप में नियमित रूप से रहना आवश्यक है। यदि कोई व्यक्ति ज्यादा पसीने, थकान, मांसपेशियों की कमजोरी जैसे लक्षणों को अपने शरीर में महसूस कर रहा है, तो उसे अपने विटामिन डी लेना चाहिए।
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