Advertisement
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • छठे दिन डॉक्टरों की हड़ताल तेज होने से दिल्ली में ओपीडी बंद, मरीजों को बढ़ी परेशानी

छठे दिन डॉक्टरों की हड़ताल तेज होने से दिल्ली में ओपीडी बंद, मरीजों को बढ़ी परेशानी

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के बलिया से दिल्ली के एम्स में आई 25 वर्षीय अंकिता सोनी को हाल ही में हुई फिस्टुला कनेक्शन की चिकित्सा प्रक्रिया के गलत होने के बाद अत्यधिक दर्द और सूजन से राहत की सख्त जरूरत थी

Advertisement
छठे दिन डॉक्टरों की हड़ताल तेज होने से दिल्ली में ओपीडी बंद, मरीजों को बढ़ी परेशानी
  • August 18, 2024 3:26 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 months ago

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के बलिया से दिल्ली के एम्स में आई 25 वर्षीय अंकिता सोनी को हाल ही में हुई फिस्टुला कनेक्शन की चिकित्सा प्रक्रिया के गलत होने के बाद अत्यधिक दर्द और सूजन से राहत की सख्त जरूरत थी, एक डायलिसिस मरीज को संक्रमण फैलने के खतरे का सामना करना पड़ा, वह ओपीडी में लगातार इंतजार करती रही, लेकिन उनके जैसे कई मरीजों को दिल्ली में परेशानी का सामना करना पड़ा क्योंकि कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक रेजिडेंट डॉक्टर के साथ कथित बलात्कार और हत्या पर विरोध प्रदर्शन शनिवार को छठे दिन तेज रहा.

ओपीडी प्रभावित

10 वर्षों में यह पहली बार है कि दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में ओपीडी छह दिनों से अधिक समय तक प्रभावित रही है. एम्स में कुछ डॉक्टरों की वजह से ओपीडी बंद थी, डायग्नोस्टिक सेवाएं और लैब रिपोर्ट भी रुकी रहीं, ओपीडी के एक अधिकारी ने कहा कि आज केवल कुछ विशेष क्लीनिक काम कर रहे थे जहां कुछ बीमार मरीजों को देखा गया.

ओपीडी पंजीकरण कार्ड प्राप्त करने में विफल रहे कई मरीज़

वहीं सफदरजंग अस्पताल में सड़क के पार कई मरीज़ समय सीमा की कमी के कारण ओपीडी पंजीकरण कार्ड प्राप्त करने में विफल रहे, फरीदाबाद के 23 वर्षीय राहुल शर्मा, जो अपनी तपेदिक से पीड़ित मां को सफदरजंग लेकर आए थे, सुबह 9 बजे अस्पताल पहुंचे, लेकिन उन्हें ओपीडी पंजीकरण कार्ड नहीं मिल सका क्योंकि जब तक हम काउंटर पर पहुंचे, वह बंद हो चुका था, उन्होंने कहा कि उनकी मां इमरती देवी पुरानी टीबी की मरीज हैं और उन्हें कल रात बुखार आ गया. वह बुरी तरह खांस रही थी और स्थानीय डॉक्टर ने उसे अस्पताल ले जाने का सुझाव दिया. अस्पताल में डायग्नोस्टिक सेवाएं भी बंद कर दी गईं, जिससे दूर-दराज से आए कई लोग प्रभावित हुए.

40 करोड़ थे जब महासत्ता को हराया, आज तो 140 करोड़ हैं… लाल किले से पीएम मोदी

Advertisement