हसीना के तख्तापलट पर बड़ा खुलासा: अमेरिका ने डेढ़ साल पहले रची साजिश, खालिदा को मोहरा बनाया, हथियार भी दिए

नई दिल्ली: बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार का तख्तापलट हुए 13 दिन हो चुके हैं. हसीना अब भारत के गाजियाबाद में हिंडन एयरबेस के सेफ हाउस में रह रही हैं. वहीं, बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन हो चुका है. इस बीच हसीना सरकार के पतन को […]

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हसीना के तख्तापलट पर बड़ा खुलासा: अमेरिका ने डेढ़ साल पहले रची साजिश, खालिदा को मोहरा बनाया, हथियार भी दिए

Vaibhav Mishra

  • August 18, 2024 12:46 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

नई दिल्ली: बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार का तख्तापलट हुए 13 दिन हो चुके हैं. हसीना अब भारत के गाजियाबाद में हिंडन एयरबेस के सेफ हाउस में रह रही हैं. वहीं, बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन हो चुका है. इस बीच हसीना सरकार के पतन को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि शेख हसीना को सत्ता से बेदखल करने की साजिश 16 महीने यानी करीब डेढ़ साल पहले ही रची जा चुकी थी. इस तख्तालट को अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI ने अंजाम दिया है.

कैसे हुआ तख्तापलट… समझिए

रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेश में आम चुनाव के करीब 6 महीने पहले अमेरिका के असिस्टेंट सेक्रेट्री ऑफ स्टेट डोनाल्ड लू ने बांग्लादेश के राजदूत से एक लंच मीटिंग की थी. इस बैठक में बांग्लादेश में अमेरिकी राजदूत पीटर हास भी मौजूद थे. मीटिंग के दौरान डोनाल्ड लू और पीटर हास ने बांग्लादेशी राजदूत को चेतावनी दी थी कि बांग्लादेश में स्वतंत्र तरीके से चुनाव होने चाहिए. नहीं तो अंजाम भुगतना पड़ेगा.

इसके बाद बांग्लादेश में आम चुनाव होता है और शेख हसीना फिर से जीतने में कामयाब हो जाती हैं. देश की विपक्षी पार्टी बीएनपी ने इन चुनावों का बहिष्कार किया था. अमेरिका ने भी चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए. लेकिन हसीना अड़िग रहीं. अमेरिका को समझ आ गया कि चुनावी तरीके से हसीना को सत्ता से नहीं हटाया जा सकता है. इसके बाद अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने मिलकर हसीना सरकार के तख्तापलट की साजिश रची.

BNP को उकसाया, KNF को हथियार दिए

अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए ने शेख हसीना का सत्ता से बेदखल करने के लिए विपक्षी नेता खालिदा जिया की पार्टी बीएनपी से हाथ मिलाया. उसने बीएनपी के कार्यकर्ताओं को प्रदर्शन करने के लिए उकसाया. उन्हें पैसा भी मुहैया कराए. इसके साथ ही CIA और ISI ने KNF विद्रोहियों को हथियार भी दिए. बता दें कि KNF विद्रोही चिटगांव हिल्स की पहाड़ियों पर एक्टिव हैं. वे वहीं से आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देते हैं. साजिश के तहत एक ओर ढाका और उसके आसपास के इलाकों में बीएनपी के कार्यकर्ताओं ने हिंसक विरोध-प्रदर्शन शुरू किया. वहीं, केएनएफ विद्रोहियों ने पुलिस और सैन्य बलों को निशाना बनाकर उन्हें लूटना शुरू किया. जिसके परिणाम स्वरूप पूरे देश में गृह-युद्ध जैसी स्थिति बनी और फिर हसीना को प्रधानमंत्री पद छोड़ बांग्लादेश से भागना पड़ा.

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