2019 से कितना अलग होगा हरियाणा विधानसभा चुनाव, क्या बीजेपी तीसरी बार सत्ता में आएगी?

2019 से कितना अलग होगा हरियाणा विधानसभा चुनाव, क्या बीजेपी तीसरी बार सत्ता में आएगी? How different will Haryana Assembly elections be from 2019, will BJP come to power for the third time?

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2019 से कितना अलग होगा हरियाणा विधानसभा चुनाव, क्या बीजेपी तीसरी बार सत्ता में आएगी?

Shikha Pandey

  • August 17, 2024 12:13 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

नई दिल्ली : हरियाणा में सभी 90 विधानसभा सीटों के लिए होनेवाले चुनाव के लिए इलेक्शन कमीशन ने तारीखों की ऐलान कर दिया है. 1 अक्टूबर को वोट डाले जांएगे और मतों की गिनती चार अक्टूबर को होगी.वहीं बीजेपी तीसरी बार सत्ता पर काबिज होने की तैयारी में जुटी है .दूसरी तरफ कांग्रेस बीजेपी को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए अपनी ताकत झोक रही है. बता दें इस बार हरियाणा का चुनाव 2019 की तुलना में काफी दिलचस्प होने वाला है.

कौन होगा सीएम का चेहरा

2019 के चुनाव में बीजेपी ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के चेहरे पर चुनाव लड़ा था. इस बार बीजेपी ने नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट किया है. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने अभी तक किसी को भी सीएम पद का दावेदार नहीं बनाया है , लेकिन कांग्रेस के सबसे बड़े चेहरे में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम आता है. पार्टी के टिकट वितरण में उनकी बड़ी भूमिका होती है. इस बार के चुनाव में उनकी दावेदारी काफी मजबूत मानी जा रही है.

जातीय समीकरण

जातीय समीकरण की बात करें तो हरियाणा की राजनीति में जाट बनाम गैर जाट का मुद्दा हमेशा हावी रहता है. सभी दलों के टिकट वितरण में भी इसका प्रभाव पड़ता है .बता दें कि 2014 में जब बीजेपी हरियाणा में सत्ता में आई थी. तो उसने मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री बनाया था.

उसके बाद 2019 में भी मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई थी,लेकिन इस साल मार्च में खट्टर को सीएम पद से हटा दिया गया था,और एक गैर जाट नेता नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बना दिया गया था. इस बार चुनाव में कांग्रेस की तरफ से हुड्डा और बीजेपी की ओर से सैनी के आमने-सामने होने पर जाट बनाम गैर जाट की लड़ाई होने वाली है.

राजनीतिक समीकरण

2014 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 15 सीटें मिली थी.वहीं बीजेपी ने 47 सीटों पर जीत हासिल की थी .वहीं 2019 के चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को कड़ी टक्कर दी थी. इस चुनाव में कांग्रेस ने 31 सीट और बीजेपी ने 40 सीटों पर जीत हासिल की थी .जिसके बाद बीजेपी ने जेजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी .वहीं इस बार बीजेपी ने अपने पुराने साथी को छोड़कर हरियाणा लोकहित पार्टी यानी एचएलपी के साथ गठबंधन कर लिया है. वहीं कांग्रेस अकेले दम पर चुनाव लड़ रही है. इन सबके अलावा आम आदमी पार्टी भी हरियाणा विधानसभा चुनाव में हाथ आजमा रही है.इस बार मुकाबला बेहद दिलचस्प होने वाला है.

 

इनेलो और जेजेपी

बता दें इलेनो इस बार अकेले चुनाव नहीं लड़ेगी, उन्होंने बसपा के साथ गठबंधन किया है. हालांकि जेजेपी ने अभी किसी प्रकार का ऐलान नहीं किया है . 2019 में अकेले चुनाव लड़कर जेजेपी ने 10 सीटें हासिल की थी.

एचएलपी का कितना होगा असर

बीजेपी ने इस बार एचएलपी के साथ गठबंधन किया है. एचएलपी प्रमुख गोपाल कांडा एयर होस्टेस गीतिका शर्मा सुसाइड केस में आरोपी है. 2019 में वह अपनी पार्टी से अकेले सिरसा विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे. इस बार के चुनाव में सिरसा और रानियां सीट पर अपना दावा ठोका है.

चुनावी मुद्दे

2019 से 2024 के बीच किसान आंदोलन सबसे बड़ा मुद्दा था. 2019 में हरियाणा के किसानों में बीजेपी का विरोध नहीं था,मगर इस बार किसान लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के खिलाफ विरोध में दिखाई दिए. इसका असर हरियाणा विधानसभा चुनाव में कितना होगा यह देखने वाली बात होगी. बरोजगारी और महंगाई भी मुद्दा बन सकता है.

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