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परिवार की याद में 15 हजार फीट ऊंचाई पर मोबाइल नेटवर्क लगाने पहुंचे भारतीय जवान, वीडियो देख भावुक हुए लोग

शिमला: देश में दूरसंचार नेटवर्क को सुचारु रूप से चलाने के लिए मैदानी इलाकों में तो कंपनियों के कर्मचारी मौजूद रहते हैं, लेकिन पहाड़ी क्षेत्रों में यह काम थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो जाता है। इस कारण कई सारी सेवाएं पहाड़ी इलाको तक मुहैया करवा पाना मुश्किल हो जाता हैं. हाल ही में, ऐसा ही एक वीडियो […]

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  • August 16, 2024 9:02 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 months ago

शिमला: देश में दूरसंचार नेटवर्क को सुचारु रूप से चलाने के लिए मैदानी इलाकों में तो कंपनियों के कर्मचारी मौजूद रहते हैं, लेकिन पहाड़ी क्षेत्रों में यह काम थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो जाता है। इस कारण कई सारी सेवाएं पहाड़ी इलाको तक मुहैया करवा पाना मुश्किल हो जाता हैं. हाल ही में, ऐसा ही एक वीडियो दूरसंचार विभाग (DoT) ने अपने सोशल मीडिया आकउंट एक्स पर शेयर किया है. वीडियो में भारतीय जवान 15,000 फीट की ऊंचाई पर दूरसंचार नेटवर्क को ठीक करने और स्थापित करने का काम कर रहे हैं। बात दें यह वीडियो हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति क्षेत्र का है, जहां आम लोगों के लिए पहुंचना बेहद कठिन है।

दूरसंचार नेटवर्क

भारत के विविध भूगोल और व्यापक क्षेत्र को देखते हुए, देश के दूरसंचार नेटवर्क को सुरक्षित और कार्यशील रखना एक कठिन और महत्वपूर्ण कार्य है। हिमालय की ऊंची बर्फीली चोटियों से लेकर थार के तपते रेगिस्तान तक, हमारे जवान देश के हर कोने में यह सुनिश्चित करने में लगे रहते हैं कि संचार नेटवर्क हर परिस्थिति में कार्यरत और सुरक्षित रहे। भारत का दूरसंचार नेटवर्क दुनिया के सबसे बड़े और जटिल नेटवर्क्स में से एक है। यह नेटवर्क न केवल नागरिकों के लिए बल्कि सेना और अर्धसैनिक बलों के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

देश की सुरक्षा

कई महत्वपूर्ण सैन्य और नागरिक संचार नेटवर्क पहाड़ी और दुर्गम क्षेत्रों में स्थित हैं. इस कारण जहां उपकरणों को स्थापित करना और उन्हें बनाए रखना जवानों के लिए एक बड़ा काम है। इस मुश्किल कार्य को हमारे जवान पूरी निष्ठा और मेहनत से निभाते हैं, ताकि देश का हर व्यक्ति एक दूसरे से जुड़ा रह सके। इसकी एक अहम वजह यह भी है कि देश की सुरक्षा के लिए दूरसंचार नेटवर्क की सुरक्षा भी ज़रूरी है।

 दूरसंचार

दुर्गम इलाकों में संचार नेटवर्क

सेना के जवान न केवल सीमाओं पर दुश्मनों से लड़ते हैं बल्कि वे साइबर खतरों के प्रति भी सचेत रहते हैं। कई जगहों पर यह सुनिश्चित करना कि देश का संचार नेटवर्क साइबर हमलों से सुरक्षित रहे, आज के समय की एक बड़ी चुनौती है। सीमाओं पर तैनात जवान वायरलेस नेटवर्क के माध्यम से हर समय मुख्यालय से जुड़े रहते हैं और संचार लाइनों को सुरक्षित रखने के लिए सतर्क रहते हैं। इसलिए पहाड़ी और दुर्गम इलाकों में संचार नेटवर्क की स्थापना और सुरक्षा सुनिश्चित करने में भारतीय जवानों का योगदान काफी महत्वपूर्ण है।

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