ईरान और इजरायल के बीच हाल के दिनों में तनाव बढ़ गया है, खासकर हमास के प्रमुख इस्माल हनिया की मौत के बाद। इस तनाव के बीच
नई दिल्ली: ईरान और इजरायल के बीच हाल के दिनों में तनाव बढ़ गया है, खासकर हमास के प्रमुख इस्माल हनिया की मौत के बाद। इस तनाव के बीच, ईरान ने अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम को तेज कर दिया है। आइए जानते हैं इस मामले में अब तक क्या खुलासा हुआ है और ईरान के परमाणु प्रयासों के क्या मायने हैं।
ईरान इंटरनेशनल मीडिया आउटलेट की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान ने अपने गुप्त परमाणु हथियार कार्यक्रम को फिर से सक्रिय कर दिया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि ईरान ने ऑर्गेनाइजेशन ऑफ डिफेंसिव इनोवेशन एंड रिसर्च (SPND) का पुनर्गठन किया है और इसे एक स्वतंत्र इकाई बना दिया है। इससे पहले, यह इकाई ईरान रक्षा मंत्रालय की सहायक कंपनी थी, लेकिन नए विधेयक के बाद यह सीधे ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई के नियंत्रण में आ गई है।
अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की जुलाई 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान ने ऐसी गतिविधियां की हैं जो परमाणु उपकरण बनाने के लिए इसे और बेहतर स्थिति में ला सकती हैं। ईरान ने यूरेनियम का उत्पादन 60 फीसदी तक बढ़ा दिया है, जो छोटे परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त है। यह बदलाव ईरान के परमाणु परीक्षण प्रयासों को और तीव्र बना सकता है।
पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत के बाद, जो हेलिकॉप्टर क्रैश में हुई थी, ईरान ने SPND को एक स्वतंत्र बॉडी में बदलने के लिए विधेयक पारित किया। यह कदम ईरान के परमाणु प्रयासों की दिशा को और स्पष्ट करता है। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने वर्षों से ईरान के परमाणु परीक्षण के लिए तेजी से काम करने की बात कही थी, लेकिन इन रिपोर्टों को गंभीरता से नहीं लिया गया।
ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम के साथ-साथ, इजरायल पर संभावित हमले की धमकियां भी सुनने को मिल रही हैं। यह स्थिति दोनों देशों के बीच के तनाव को और बढ़ा सकती है। ईरान की परमाणु गतिविधियों पर ध्यान देना और उनका प्रभाव क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।
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