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जान ले सकता है हरी मिर्च का ज्यादा सेवन, जानिए क्या बरतें सावधानियां

नई दिल्ली: हरी मिर्च का सेवन भारतीय खानपान में बहुत सामान्य है, और इसे भोजन में स्वाद बढ़ाने के लिए अक्सर इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन, अगर इसका सेवन अधिक मात्रा में किया जाए, तो यह सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। यहां हम हरी मिर्च के अधिक सेवन से होने वाले सात […]

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जान ले सकता है हरी मिर्च का ज्यादा सेवन, जानिए क्या बरतें सावधानियां
  • August 14, 2024 3:54 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 months ago

नई दिल्ली: हरी मिर्च का सेवन भारतीय खानपान में बहुत सामान्य है, और इसे भोजन में स्वाद बढ़ाने के लिए अक्सर इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन, अगर इसका सेवन अधिक मात्रा में किया जाए, तो यह सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। यहां हम हरी मिर्च के अधिक सेवन से होने वाले सात प्रमुख नुकसानों और इसे सही तरीके से सेवन करने के तरीकों पर चर्चा करेंगे।

हरी मिर्च खाते समय रखें ध्यान

1. पेट में जलन और एसिडिटी: हरी मिर्च का अत्यधिक सेवन पेट में जलन और एसिडिटी का कारण बन सकता है। इसमें मौजूद कैप्साइसिन नामक तत्व पेट की आंतरिक दीवारों को उत्तेजित करता है, जिससे पेट में जलन और एसिडिटी हो सकती है।

2. गैस और अपच की समस्या: हरी मिर्च के अत्यधिक सेवन से गैस और अपच की समस्या उत्पन्न हो सकती है। यह पाचन तंत्र को प्रभावित करता है और अपच, पेट दर्द और गैस जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है।

3. आंखों में जलन: अगर हरी मिर्च का सेवन करते समय सावधानी नहीं बरती जाती है और हाथों से आंखों को छू लिया जाता है, तो इससे आंखों में तीव्र जलन हो सकती है। यह स्थिति काफी असहज हो सकती है और लंबे समय तक जलन का कारण बन सकती है।

4. पेट में अल्सर का खतरा: जो लोग पहले से ही पेट में अल्सर या गैस्ट्रिक समस्याओं से पीड़ित हैं, उनके लिए हरी मिर्च का अधिक सेवन समस्या को और बढ़ा सकता है। हरी मिर्च का अत्यधिक सेवन पेट में अल्सर के जोखिम को बढ़ा सकता है।

5. त्वचा पर रैशेज: अधिक हरी मिर्च का सेवन शरीर में गर्मी बढ़ा सकता है, जिससे त्वचा पर रैशेज या एलर्जी हो सकती है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए हानिकारक है जिनकी त्वचा संवेदनशील होती है।

6. मूत्राशय में जलन: हरी मिर्च के अत्यधिक सेवन से मूत्राशय में जलन हो सकती है, जो पेशाब के दौरान दर्द और जलन का कारण बन सकता है। यह समस्या खासकर उन लोगों में देखी जाती है जिनकी मूत्र नली संवेदनशील होती है।

7. हृदयगति में वृद्धि: हरी मिर्च में कैप्साइसिन की उच्च मात्रा हृदयगति में वृद्धि का कारण बन सकती है। यह रक्तचाप को प्रभावित कर सकता है और दिल के रोगियों के लिए यह स्थिति गंभीर हो सकती है।

सेवन करने का सही तरीका

हरी मिर्च का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। अगर आप इसे रोज़ाना भोजन में शामिल कर रहे हैं, तो दिन में एक से दो हरी मिर्च का सेवन पर्याप्त है। इसे कच्ची मिर्च के रूप में खाने के बजाय, खाना पकाने के दौरान इसे मिलाकर खाएं, ताकि इसके तीखेपन का असर थोड़ा कम हो जाए। इसके अलावा, मिर्च का सेवन करने के कुछ समय बाद दूध या दही का सेवन करना भी फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि यह मिर्च के तीखेपन को कम करता है और पेट की समस्याओं से बचाता है।

जानिए इसका निष्कर्ष

हरी मिर्च सेहत के लिए फायदेमंद हो सकती है अगर इसका सेवन सही मात्रा में किया जाए। लेकिन इसका अत्यधिक सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। इसलिए, हरी मिर्च का सेवन हमेशा संयमित मात्रा में करें और अपने शरीर की प्रतिक्रियाओं पर ध्यान दें। यदि आपको हरी मिर्च खाने के बाद उपरोक्त में से कोई भी समस्या महसूस होती है, तो तुरंत इसका सेवन कम कर दें और डॉक्टर से सलाह लें।

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