नई दिल्ली: कैमूर की पहाड़ियों में आप मनाली वाला आनंद ले सकते हैं. पहाड़ी इलाको में खास करके उत्तरखंड और हिमाचल में पर्यटकों की भीड़ बढ़ गई है ऐसे में आप वहां न जाकर आप कैमूर की पहाड़ियों का दीदार करें। यहां आप को ऐसा लगेगा मानो बादलों ने पूरे कैमूर पहाड़ियों को ढक लिया […]
नई दिल्ली: कैमूर की पहाड़ियों में आप मनाली वाला आनंद ले सकते हैं. पहाड़ी इलाको में खास करके उत्तरखंड और हिमाचल में पर्यटकों की भीड़ बढ़ गई है ऐसे में आप वहां न जाकर आप कैमूर की पहाड़ियों का दीदार करें। यहां आप को ऐसा लगेगा मानो बादलों ने पूरे कैमूर पहाड़ियों को ढक लिया हो, यह नजारा पर्यटकों को काफी आकर्षित करता है।
अगर आप उत्तर प्रदेश से हैं, तो आप बस और ट्रेन दोनों सेवाओं के जरिए कैमूर पहाड़ियों तक पहुंच सकते हैं, जहां आप झरना बांध कुंड देख सकते हैं। आपको बता दें कि दुर्गावती बांध, दुर्गावती झरना जो चारों तरफ से कैमूर पहाड़ियों से घिरा हुआ है, जहां पूरे बरसात के मौसम में दुर्गावती झरना देखने लायक होता है। 24 घंटे ऊंचाई से पानी गिरता रहता है, जो धुएं की तरह चारों तरफ बिखर जाता है, मानो ऐसा लगे कि बादल जमीन से आसमान को छू रहे हों। वोटिंग की भी सुविधा है।
पास में ही दुर्गावती डैम है जहां पर बोटिंग की सुविधा है, आप आराम से अपने परिवार के साथ बोटिंग कर सकते हैं और आनंद ले सकते हैं। डैम चारों तरफ से पहाड़ों और जंगलों से घिरा हुआ है, जिसे देखकर पर्यटकों को घर जाने का मन नहीं करता, यहां पर्यटक डैम पर घंटों समय बिताते हैं और पिकनिक का भी आनंद लेते हैं। कराकट गढ़ झरने की बात करें तो बरसात के दिनों में बरसाती नदी में पानी अधिक होने के कारण कराकट गढ़ जलप्रपात में पानी की गति बढ़ जाती है और झरने के साथ गिरते पानी का नजारा इतना मनमोहक लगता है कि पर्यटक घूमने के साथ-साथ पिकनिक मनाकर जलप्रपात का आनंद लेते हैं। वहां से आप पास में ही जगदहवा डैम देख सकते हैं, यहां पहाड़ों का पानी आकर डैम में जमा होता है और चारों तरफ से पहाड़ियों और जंगलों से घिरा होने के कारण नजारा देखने लायक होता है।
इस तरह तेलहर कुंड, जिसमें 300 से 400 फीट की ऊंचाई से पानी गिरता है और जब पानी पत्थरों से टकराता है तो धुआं बनकर चारों तरफ बिखर जाता है, मानो आसमान ने कैमूर की पहाड़ियों से अपना बदला ले लिया हो, जिसे देखने के लिए हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं। कुंड के पास वन विभाग की ओर से बैरिकेडिंग की गई है, ताकि आने वाले पर्यटकों को कोई खतरा न हो। वहीं कैमूर पहाड़ी के अंतिम छोर पर स्थित बंसी कुंड में काफी ऊंचाई से पानी गिरता है और जब पानी पत्थरों से टकराता है तो वह धुआं बनकर जंगलों में चारों ओर बिखर जाता है। ऐसा लगता है कि पर्यटक बिहार नहीं बल्कि मनाली, नैनीताल, ऊटी जैसे हिल स्टेशन घूमने आए हैं। यहां कई ऐसी जगहें हैं, जहां पर्यटक बरसात के मौसम में झरने देखने आते हैं और आनंद लेते हैं।
कैमूर के डीएफओ चंचल प्रकाशम ने बताया कि अगर आप नैनीताल, मनाली, ऊटी घूमने का प्लान बना रहे हैं तो न जाएं, बल्कि बिहार के कैमूर की पहाड़ियों पर जाएं, जहां कई झरने हैं, जो बरसात के मौसम में अपना दिव्य रूप बिखेरते हैं, मानो आसमान से बादल धरती पर आ गए हों। घूमने के लिए यहां तेलहर कुंड, जगदहवा डैम, करकटगढ़ झरना, दुर्गावती झरना, बंसी कुंड और दुर्गावती डैम है, जो बरसात के दिनों में काफी खूबसूरती बिखेरते हैं, जब पानी पहाड़ी से नीचे गिरता है तो पत्थरों से टकराने के बाद धुएं का रूप ले लेता है और ऐसे बिखरता है जैसे आसमान से बदला कैमूर पहाड़ियों पर आ गया हो, जिसे देखने के लिए रोजाना हजारों पर्यटक आते हैं और झरनों का आनंद लेते हैं।
यह भी पढ़े:-