जापान के सॉफ्टबैंक द्वारा समर्थित हॉस्पिटेलिटी कंपनी ओयो (OYO) ने एक बार फिर अपना आईपीओ (IPO) टाल दिया है। ओयो की पैरेंट कंपनी
नई दिल्ली: जापान के सॉफ्टबैंक द्वारा समर्थित हॉस्पिटेलिटी कंपनी ओयो (OYO) ने एक बार फिर अपना आईपीओ (IPO) टाल दिया है। ओयो की पैरेंट कंपनी, ओरावल स्टे, ने भारतीय बाजार में आईपीओ लाने के लिए पहले सेबी के पास दस्तावेज जमा किए थे, लेकिन अब कंपनी ने इन दस्तावेजों को वापस ले लिया है। ओयो ने मार्च 2023 में कॉन्फिडेंशियल फाइलिंग रूट के तहत अपने आईपीओ के दस्तावेज सेबी के पास जमा किए थे। यह दूसरी बार है जब ओयो ने अपनी आईपीओ एप्लीकेशन वापस ली है।
ओयो के फाउंडर रितेश अग्रवाल ने बताया कि कंपनी को 4 अरब डॉलर के वैल्यूएशन पर इक्विटी जुटाने के लिए निजी निवेशकों से संपर्क किया गया है। यह जानकारी उन्होंने एक टाउनहॉल मीटिंग में दी, जहां उन्होंने कंपनी के कर्मचारियों के सामने प्रेजेंटेशन के दौरान यह बात कही।
टाउनहॉल मीटिंग में रितेश अग्रवाल ने बताया कि कंपनी अपने कर्ज को कम करने के लिए 3-4 अरब डॉलर के वैल्यूएशन पर या 38-45 रुपये प्रति शेयर पर एक छोटा इक्विटी राउंड कर सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी के ऑपरेशनल प्रॉफिट, स्थिर ग्रॉस मार्जिन, और कॉस्ट एफिशिएंसी में सुधार के साथ-साथ कुछ कर्ज का समय से पहले भुगतान करने के बाद ब्याज लागत में कमी से ओयो की प्रॉफिटिबिलिटी बढ़ी है।
ओयो के लिए वित्त वर्ष 2023-24 पहला ऐसा साल रहा जब कंपनी ने नेट प्रॉफिट दर्ज किया। ओयो ने इस वर्ष 99.6 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट कमाया है। कंपनी ने समूचे वित्त वर्ष में 888 करोड़ रुपये का कंसोलिडेटेड एबिटा (EBITDA) दर्ज किया, जो पिछले साल 274 करोड़ रुपये था।
हालांकि, ओयो ने अपने आईपीओ के लिए फिर से सेबी के पास दस्तावेज जमा करने की योजना बनाई है। सूत्रों के मुताबिक, ओयो फिलहाल 2.3 अरब डॉलर के न्यूनतम वैल्यूएशन पर नए दौर की फंडिंग के लिए निवेशकों से बातचीत कर रही है। यह ओयो के 9 अरब डॉलर के उच्चतम वैल्यूएशन से 70% से अधिक की गिरावट को दर्शाता है।
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