नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट के सीनीयर जस्टिस तीर्थ सिंह ठाकुर देश के 43वें मुख्य न्यायधीश बन गए हैं. चीफ जस्टिस एचएल दत्तू के रिटायर होने के बाद जस्टिस तीर्थ सिंह ठाकुर को देश का अगला चीफ जस्टिस बनाया गया. बता दें कि इससे पहले न्यायाधीश एचएल दत्तू उनके चीफ जस्टिस बनाए जाने के लिए केंद्र को सिफारिश कर चुके थे. जस्टिस तीर्थ सिंह करीब एक साल एक महीने तक भारत के चीफ जस्टिस पर को संभालेंगे. वह तीन जनवरी, 2017 को रिटायर होंगे.
कुछ ऐसा रहा तीर्थ सिंह का सफर
जस्टिस ठाकुर की पहली नियुक्ति जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय में 16 फरवरी 1994 को अतिरिक्त न्यायधीश के रुप में हुई थी. इससे पहले जस्टिस टी एस ठाकुर लंबे समय तक जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट में ही प्रैक्टिस करते रहे थे. उन्हें सिविल, आपराधिक, संवैधानिक, टैक्स मामलों का विशेषज्ञ माना जाता है.
मार्च 1994 में जस्टिस ठाकुर को स्थानांतरित कर कर्नाटक उच्च न्यायालय में न्यायधीश नियुक्त किया गया. जुलाई 2004 में जस्टिस ठाकुर की नियुक्ति दिल्ली उच्च न्यायालय में की गई, जहां वो अप्रैल 2008 तक कार्यकारी मुख्य न्यायधीश के पद पर रहे.
कई अहम मामलों की की है सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में अब तक के अपने कार्यकाल में जस्टिस ठाकुर ने कई अहम मामलों की सुनवाई की है जिनमें आईपीएल-6 स्पॉट फिक्सिंग, पश्चिम बंगाल का शाारदा चिट फंड घोटाला, उत्तर प्रदेश का NRHM घोटाला, गंगा का सफाई, और सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय की रिहाई के लिए दायर याचिकाएं शामिल हैं.