विनेश फोगाट की जगहें शिवानी पवार खेल रही होती अगर ये ना हुआ होता

नई दिल्ली: पिछले 2 दिनों से विनेश फोगट के अयोग्य घोषित होने की खबर से सभी भारतीय काफी दुखी हैं। फाइनल मुकाबले से पहले 100 ग्राम अधिक वजन पाए जाने के कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया, लेकिन अभी ज्यादा समय नहीं हुआ जब एक और भारतीय पहलवान शिवानी पवार पेरिस ओलंपिक जाने से […]

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विनेश फोगाट की जगहें शिवानी पवार खेल रही होती अगर ये ना हुआ होता

Manisha Shukla

  • August 9, 2024 9:15 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 months ago

नई दिल्ली: पिछले 2 दिनों से विनेश फोगट के अयोग्य घोषित होने की खबर से सभी भारतीय काफी दुखी हैं। फाइनल मुकाबले से पहले 100 ग्राम अधिक वजन पाए जाने के कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया, लेकिन अभी ज्यादा समय नहीं हुआ जब एक और भारतीय पहलवान शिवानी पवार पेरिस ओलंपिक जाने से वंचित रह गई। अगर सब कुछ सही होता तो शिवानी पवार उसी 50 किलोग्राम वर्ग में लड़ रही होती जिसमें विनेश फोगट ने मुकाबला किया है, लेकिन यह उनका दुर्भाग्य था कि वह गुमनाम रह गईं।

शिवानी पेरिस क्यों ना जा सकीं?

दरअसल, भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) ने पेरिस ओलंपिक 2024 से कुछ महीने पहले ही घोषणा कर दी थी कि कुश्ती के ट्रायल नहीं कराए जाएंगे। इस घोषणा के साथ ही मध्य प्रदेश की शिवानी पवार समेत भारत के कई पहलवानों के सपने टूट गए। शिवानी अंडर-23 कुश्ती विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय पहलवान बनीं थीं। 2020 टोक्यो ओलंपिक के रजत पदक विजेता रवि दहिया और विश्व नंबर-1 सरिता मोर के साथ उन्होंने भी डब्ल्यूएफआई के ट्रायल न कराने के फैसले को चुनौती दी थी।

पैसों की हुई कमी

शिवानी पवार काफी मुश्किलों से गुजरकर इतने बड़े मुकाम पर पहुंची हैं। करियर के शुरुआती दिनों में उनके पास ट्रेनिंग के लिए पैसे नहीं थे और वो कुश्ती प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर पैसे कमाती थीं। मुश्किलों के बावजूद बाद में वो अपने परिवार के सहयोग से राष्ट्रीय चैंपियन बनीं। ओलंपिक कोटा हासिल करने वाले पहलवान को हराने के बाद शिवानी को भरोसा था कि उन्हें पेरिस ओलंपिक में हिस्सा लेने का मौका जरूर मिलेगा, लेकिन डब्ल्यूएफआई द्वारा ट्रायल न कराए जाने की वजह से उनका सपना टूट गया।

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