हिंसा के बीच बांग्लादेश से भारत लौटी छात्रा ने सुनाई अपनी दर्द भरी कहानी , इंडियन एंबेसी का जताया अभार

हिंसा के बीच बांग्लादेश से भारत लौटी छात्रा ने सुनाई अपनी दर्द भरी कहानी , इंडियन एंबेसी का जताया अभार The student who returned from Bangladesh to India amidst violence told her painful story, expressed gratitude to the Indian Embassy

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हिंसा के बीच बांग्लादेश से भारत लौटी छात्रा ने सुनाई अपनी दर्द भरी कहानी , इंडियन एंबेसी का जताया अभार

Shikha Pandey

  • August 8, 2024 3:58 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 months ago

नई दिल्ली :  बांग्लादेश हिंसा के आग में झुलस रहा है. हालात दिन पे दिन बद से बदतर होते जा रहा है. हिंसा के दौरान  वहां पढ़ने वाले  सभी छात्र-छात्राओं को हॉस्टल में रहना पड़ रहा है. छात्रों को वापस बुलवाने के लिए परिजन भारत सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.इंडियन एंबेसी की सहायता  से बांग्लादेश में पढ़ने वाले कई छात्रों को वापस बुला लिया गया है. वह उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की रहने वाली हैं. उन्होंने वहां के हालातों के बारे में बताया.आंचल बांग्लादेश के गाजी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही थी.भारत वापस आने पर आंचल काफी खुश हैं. उन्होंने भारत सरकार और इंडियन एंबेसी का आभार जताया हैं.

स्कूल-कॉलेज को किया गया बंद 

आंचल कहती हैं कि आरक्षण को लेकर बांग्लादेश में हिंसा शुरू हुआ था .आरक्षण को लेकर पहले  विरोध प्रदर्शन मामूली लग रहा था. लेकिन कुछ ही समय में आंदोलन ने उग्र रूप ले लिया . देखते ही देखते बांग्लादेश की हालत बेहद खराब हो गई. जिसके बाद वहां के कॉलेज, स्कूल को बंद करने की नौबत आ गई.

एग्जाम किए गए  रद्द 

आंचल ने  बताया उनका एग्जाम 18 जुलाई को होना था,लेकिन छात्रों के प्रदर्शन के वजह से एग्जाम को रद्द कर दिया गया. बांग्लादेश में नेटवर्क भी शटडाउन कर दिया गया था. यूनिवर्सिटी की तरफ से किसी भी छात्र को बाहर आने-जाने की अनुमति नहीं दी गई थी. जिसके वजह से  हमारा संपर्क अपने परिवार से टूट गया. यूनिवर्सिटी में मौजूद सीनियरों के द्वारा गवर्नमेंट से अप्रोच किया गया कि उन्हें भारत वापस भेज दिया जाए. लेकिन यूनिवर्सिटी के टीचर एक बात भी मानने को तैयार नहीं थे.

टीचरों ने की मदद

आंचल ने कहा कि पहले तो टीचरों के द्वारा बताया गया था कि 4 से 5 दिन में सबकुछ ठीक हो जांएगा ,लेकिन उसके बाद हिंसा बढ़ती चली गई. डरे हुए छात्रों ने टीचरों को  बहुत फोर्स किया. जिसके बाद में टीचरों ने मामला को  इंडियन एंबेसी के पास पहुंचाया. उसके बाद 22 जुलाई को प्रिंसिपल ने हॉस्टल में आकर बताया कि अब आप लोग इंडिया वापस जा सकते हैं. यह खबर सुनते ही सभी छात्र खुशी से झूम उठे. सुबह 9 बजे सभी लोग अपनी यूनिवर्सिटी से निकल गए थे. इंडियन एंबेसी की सहायता  से हम तमाम लोग वापस आए हैं. 

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