नई दिल्ली: बांग्लादेश में तख़्तापलट के पुरे दिन तीन हो चुके है. तख़्तापलट के बाद पहली बार चीन ने इस मामले में अपनी बात रखी हैं। चीन ने कहा है कि वह बांग्लादेश के घटनाक्रम पर कड़ी नजर बनाए हुए है। हम उम्मीद जताते हैं कि बांग्लादेश में जल्द ही शांति और स्थिरता बहाल होगी। […]
नई दिल्ली: बांग्लादेश में तख़्तापलट के पुरे दिन तीन हो चुके है. तख़्तापलट के बाद पहली बार चीन ने इस मामले में अपनी बात रखी हैं। चीन ने कहा है कि वह बांग्लादेश के घटनाक्रम पर कड़ी नजर बनाए हुए है। हम उम्मीद जताते हैं कि बांग्लादेश में जल्द ही शांति और स्थिरता बहाल होगी।
चीन की सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने एक लेख में लिखा है कि छात्र आंदोलन न केवल राजनीतिक मंशा से प्रेरित था बल्कि इसके पीछे मजबूत आर्थिक कारण भी थे। यानि चीन यह मान रहा है कि तख़्तापलट का कारण कुछ और ही है। शेख हसीना के इस्तीफे पर पूछे गए सवाल के जवाब में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि चीन बांग्लादेश के घटनाक्रम पर कड़ी नजर रख रहा है। बांग्लादेश के पड़ोसी, मित्र और रणनीतिक सहयोगी के तौर पर चीन को उम्मीद है कि वहां जल्द ही शांति बहाल होगी।
शंघाई इंस्टीट्यूट्स फॉर इंटरनेशनल स्टडीज में सेंटर फॉर साउथ एशिया स्टडीज के निदेशक लियू ज़ोंगयी ने ग्लोबल टाइम्स को बताया, बांग्लादेश दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देशों में से एक है। यहां करीब 17 करोड़ लोग रहते हैं, जिनमें से बड़ी संख्या में युवा नौकरी की तलाश में हैं। वे कहती हैं कि महंगाई और आर्थिक समस्याओं ने शायद विरोध को हवा दी है. सरकारी नौकरियों में कोटा व्यवस्था खत्म होने के बावजूद स्थिति सामान्य होने के बजाय यह विरोध एक राजनीतिक आंदोलन में बदल गया
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