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सावधान! प्रोसेस्ड रेड मीट खाने से बढ़ रहा है भूलने की बीमारी का खतरा

नई दिल्ली: हम सभी जानते हैं कि प्रोसेस्ड रेड मीट खाने के स्वास्थ्य पर कई नकारात्मक प्रभाव होते हैं। हाल ही में किए गए अनुसंधानों ने एक और गंभीर समस्या का संकेत दिया है – भूलने की बीमारी या अल्जाइमर रोग। यह चिंता का विषय है क्योंकि प्रोसेस्ड रेड मीट का सेवन हमारे दैनिक जीवन […]

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  • August 7, 2024 11:56 am Asia/KolkataIST, Updated 5 months ago

नई दिल्ली: हम सभी जानते हैं कि प्रोसेस्ड रेड मीट खाने के स्वास्थ्य पर कई नकारात्मक प्रभाव होते हैं। हाल ही में किए गए अनुसंधानों ने एक और गंभीर समस्या का संकेत दिया है – भूलने की बीमारी या अल्जाइमर रोग। यह चिंता का विषय है क्योंकि प्रोसेस्ड रेड मीट का सेवन हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बनता जा रहा है।

प्रोसेस्ड रेड मीट क्या है?

प्रोसेस्ड रेड मीट में बेकन, सॉसेज, हॉट डॉग, सलामी और अन्य तरह के डिब्बाबंद मांस शामिल होते हैं जिन्हें प्रिजर्वेटिव्स और एडिटिव्स के साथ संरक्षित किया जाता है। इन मांस उत्पादों में उच्च मात्रा में सोडियम, संतृप्त वसा और नाइट्रेट्स होते हैं, जो इन्हें लंबे समय तक ताजा रखते हैं।

अनुसंधान और अध्ययन

ब्रिटेन के लीसेस्टर विश्वविद्यालय में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि नियमित रूप से प्रोसेस्ड रेड मीट का सेवन करने वाले लोगों में डिमेंशिया का खतरा बढ़ जाता है। इस अध्ययन में लगभग 5 लाख प्रतिभागियों के आहार और स्वास्थ्य डेटा का विश्लेषण किया गया। जो लोग अधिक मात्रा में प्रोसेस्ड रेड मीट खाते थे, उनमें अल्जाइमर रोग का खतरा 44% तक बढ़ा हुआ पाया गया। एक अन्य अध्ययन ने यह दर्शाया कि जो लोग प्रति सप्ताह 50 ग्राम या उससे अधिक प्रोसेस्ड मीट खाते हैं, उनमें याददाश्त में गिरावट देखने को मिली। अध्ययन के अनुसार, इस प्रकार के मांस के सेवन से मस्तिष्क में सूजन और न्यूरोडीजेनेरेटिव बदलाव हो सकते हैं, जो अल्जाइमर और अन्य प्रकार के डिमेंशिया के विकास को प्रोत्साहित कर सकते हैं।

प्रोसेस्ड रेड मीट के नुकसान

1. हृदय रोग: प्रोसेस्ड मीट में उच्च मात्रा में सोडियम और संतृप्त वसा होते हैं, जो रक्तचाप बढ़ाने और हृदय रोगों का कारण बन सकते हैं।

2. कैंसर का खतरा: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने प्रोसेस्ड मीट को कार्सिनोजेनिक माना है। यह कोलोन और रेक्टल कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है।

3. मधुमेह: उच्च मात्रा में प्रोसेस्ड मीट खाने से टाइप 2 मधुमेह का खतरा भी बढ़ जाता है।

समाधान और सुझाव

1. स्वस्थ आहार: अपने आहार में अधिक ताजे फल, सब्जियां, और नट्स शामिल करें। यह मस्तिष्क और शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करेगा।

2. प्राकृतिक प्रोटीन स्रोत: प्रोसेस्ड मीट के बजाय, प्राकृतिक प्रोटीन स्रोतों जैसे कि चिकन, मछली, दालें और अंडे का सेवन करें।

3. सक्रिय जीवनशैली: नियमित व्यायाम और शारीरिक गतिविधियाँ मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में मदद करती हैं और डिमेंशिया के खतरे को कम करती हैं।

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