Advertisement
  • होम
  • life style
  • क्यों चलते हैं नींद में लोग, जानिए इसके पीछे की चौंकाने वाली वजह और वैज्ञानिक दृष्टिकोण

क्यों चलते हैं नींद में लोग, जानिए इसके पीछे की चौंकाने वाली वजह और वैज्ञानिक दृष्टिकोण

नई दिल्ली: नींद में चलना, जिसे अंग्रेजी में “Sleepwalking” कहा जाता है, एक ऐसा विचित्र, रहस्यमय और दिलचस्प स्थिति है। जिसमें व्यक्ति सोते समय चलने, बोलने या अन्य क्रियाएँ करने लगता है। यह समस्या आमतौर पर बच्चों और किशोरों में अधिक देखी जाती है, लेकिन यह वयस्कों में भी हो सकती है। यह स्थिति एक […]

Advertisement
क्यों चलते हैं नींद में लोग, जानिए इसके पीछे की चौंकाने वाली वजह और वैज्ञानिक दृष्टिकोण
  • August 7, 2024 11:03 am Asia/KolkataIST, Updated 4 months ago

नई दिल्ली: नींद में चलना, जिसे अंग्रेजी में “Sleepwalking” कहा जाता है, एक ऐसा विचित्र, रहस्यमय और दिलचस्प स्थिति है। जिसमें व्यक्ति सोते समय चलने, बोलने या अन्य क्रियाएँ करने लगता है। यह समस्या आमतौर पर बच्चों और किशोरों में अधिक देखी जाती है, लेकिन यह वयस्कों में भी हो सकती है। यह स्थिति एक असामान्य नींद विकार की निशानी हो सकती है, जिसे समझने के लिए वैज्ञानिकों ने कई शोध किए हैं।

नींद में चलने के कारण

यह स्थिति व्यक्ति को नींद के दौरान उठाकर चलने, बात करने, या अन्य गतिविधियाँ करने की क्षमता देती है, जबकि वह पूरी तरह से सो रहा होता है। यह एक चिकित्सा स्थिति है जिसे “Somnambulism” के नाम से भी जाना जाता है। नींद में चलना आमतौर पर नींद के गहरे चरण (Slow-Wave Sleep) के दौरान होता है। इस स्थिति में, व्यक्ति अपने बिस्तर से उठ सकता है, चल सकता है, और यहां तक कि साधारण कार्य भी कर सकता है। हालांकि, इसका पूरा विवरण उसके जागने के बाद भी याद नहीं रहता।

नींद में चलने के कारण

1. जीन और आनुवंशिकी: शोधों से पता चलता है कि नींद में चलने की प्रवृत्ति आनुवंशिक हो सकती है। यदि परिवार के किसी सदस्य को यह समस्या है, तो अन्य सदस्यों में भी इसके होने की संभावना बढ़ जाती है।

2. नींद की कमी और असामान्यता: अत्यधिक थकावट, अनियमित नींद या नींद की कमी नींद में चलने का कारण बन सकती है। जब व्यक्ति की नींद सही से पूरी नहीं होती, तो यह नींद में चलने की संभावना को बढ़ा देती है।

3. मनोवैज्ञानिक कारक: तनाव, चिंता और अन्य मानसिक समस्याएं भी नींद में चलने का कारण हो सकती हैं। मानसिक स्थिति का सीधा प्रभाव नींद की गुणवत्ता पर पड़ता है, जिससे नींद में चलने की समस्या उत्पन्न हो सकती है।

4. शारीरिक स्वास्थ्य समस्याएं: कुछ शारीरिक स्वास्थ्य समस्याएं, जैसे कि स्लीप एपनिया, भी नींद में चलने का कारण बन सकती हैं। जब शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती, तो यह नींद में चलने जैसी समस्याओं को जन्म दे सकता है।

वैज्ञानिक शोध और आंकड़े

नींद में चलने पर हाल ही में किए गए शोध में पाया गया है कि यह स्थिति बच्चों में अधिक आम है, और वे आमतौर पर इससे बड़े होने के साथ बाहर निकल जाते हैं। अमेरिकन एकेडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन के अनुसार, लगभग 1-15% बच्चों और 1-5% वयस्कों को इस स्थिति का अनुभव होता है। शोधकर्ता और मनोवैज्ञानिक में प्रकाशित अध्ययनों के माध्यम से अपनी खोज साझा की है, इस बात पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं कि नींद में चलने के मामलों की गंभीरता और आवृत्ति को कम करने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं। नींद में चलना आमतौर पर गहरी नींद के दौरान होता है, जब व्यक्ति REM (Rapid Eye Movement) नींद के बिना होता है। यह एक ऐसे अवस्था है जब मस्तिष्क सक्रिय होता है, लेकिन शरीर पूरी तरह से आराम में होता है। नींद में चलने वाले व्यक्ति आमतौर पर अपने सपनों को याद नहीं रखते और उनकी आँखें खुली होती हैं, लेकिन उनका संज्ञान सीमित होता है।

उपाय और प्रबंधन

1. सही नींद की आदतें: नियमित नींद और एक स्वस्थ नींद का समय बनाए रखना महत्वपूर्ण है।

2. तनाव प्रबंधन: ध्यान, योग, और मानसिक शांति के उपाय अपनाने से तनाव कम किया जा सकता है।

3. सुरक्षा उपाय: नींद में चलने की स्थिति में घर को सुरक्षित बनाना आवश्यक है। दरवाजे और खिड़कियाँ बंद रखें और खतरनाक वस्तुओं से दूर रखें।

Also Read…

क्या फोन और लैपटॉप से निकलने वाली ब्लू लाइट है हानिकारक?, जानिए इसके पीछे का सच

Advertisement