नई दिल्ली: प्रेग्नेंसी में महिला का वेट बढ़ना एक नेचुरल प्रोसेस है, ऐसा अधिकतर महिलाओं के साथ होता है। मगर ज्यादा वजन बढ़ना ठीक नहीं होता है। गर्भवती महिलाओं का वेट बढ़ना एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन यह भी जरूरी है कि कितना वेट बढ़ना सही होता है। सही मात्रा में वजन बढ़ने से मां […]
नई दिल्ली: प्रेग्नेंसी में महिला का वेट बढ़ना एक नेचुरल प्रोसेस है, ऐसा अधिकतर महिलाओं के साथ होता है। मगर ज्यादा वजन बढ़ना ठीक नहीं होता है।
गर्भवती महिलाओं का वेट बढ़ना एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन यह भी जरूरी है कि कितना वेट बढ़ना सही होता है। सही मात्रा में वजन बढ़ने से मां और बच्चे की हेल्थ बेहतर रहती है। अगर वेट जरूरत से ज्यादा बढ़ जाए तो इससे कई समस्याएं भी हो सकती है। जानिए कितना वेट प्रेग्नेंसी के लिए सही रहता है।
-सबसे पहले यह बात जान लें कि गर्भवती महिला का सामान्यत अपने वजन से 10-15 किलोग्राम ज्यादा बढ़ना सही रहता है।
-पहले ट्राइमेस्टर में यानी 0-3 महीने में 1 से 2 किलो वजन बढ़ना चाहिए।
-दूसरे ट्राइमेस्टर के समय, 4-6 महीने के अंदर वजन 5-7 किलोग्राम तक बढ़ना सही होता है।
-थर्ड ट्राइमेस्टर (7-9 महीने), इस समय महिला का वजन और भी ज्यादा या यूं कहे सबसे ज्यादा वजन बढ़ता है। ये लगभग 5 से 7 किलो वजन हो सकता है।
-ज्यादा वजन होने से ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है।
-अधिक वेट बढ़ने से प्रेग्नेंट महिला के शरीर में शुगर लेवल बढ़ सकता है, डायबिटीज के कारण डिलीवरी में दिक्कत होती है। कई बार शिशु का वजन भी बढ़ जाता है।
-ज्यादा वजन होने से पेट में बच्चे को भी कई दिक्कतें हो सकती है, ये परेशानियां जन्म के बाद भी रह सकती है
-ज्यादा वेट होने से प्रेगनेंसी में कमर और जोड़ों के दर्द की समस्या हो सकती है।
अच्छा संतुलित और पौष्टिक भोजन का सेवन करें। रोजाना कुछ समय का व्यायाम करने की आदत डालें। प्रेग्नेंसी में महिला को भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए। इसके अलावा ज्यादा मीठा, जंक फूड खाने से बचना चाहिए। प्रेग्नेंसी के समय डिलीवरी तक समय-समय पर डॉक्टर से जांच करवाते रहें।
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