अद्भुत! तीर्थ नगरी पंढरपुर में घरवालों से बिछड़ गया था कुत्ता, 250 KM पैदल चल वापस लौटा गांव

महाराष्ट्र: एक हैरान कर देने वाला मामला दक्षिण महाराष्ट्र के तीर्थ नगरी पंढरपुर से सामने आया है जहां एक पालतू कुत्ता अपने घरवालों से भीड़ में बिछड़ गया था, जो खुद 250 किलोमीटर का सफर तय कर के अपने गांव वापस लौट आया। इतना ही नहीं आने के बाद उसका जोरदार स्वागत भी किया गया। […]

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अद्भुत! तीर्थ नगरी पंढरपुर में घरवालों से बिछड़ गया था कुत्ता, 250 KM पैदल चल वापस लौटा गांव

Shweta Rajput

  • July 31, 2024 2:31 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 months ago

महाराष्ट्र: एक हैरान कर देने वाला मामला दक्षिण महाराष्ट्र के तीर्थ नगरी पंढरपुर से सामने आया है जहां एक पालतू कुत्ता अपने घरवालों से भीड़ में बिछड़ गया था, जो खुद 250 किलोमीटर का सफर तय कर के अपने गांव वापस लौट आया। इतना ही नहीं आने के बाद उसका जोरदार स्वागत भी किया गया। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला?

भजन सुनना पसंद करता है कुत्ता

जानकारी के अनुसार इस पालतू कुत्ते को प्यार से महाराज कहा जाता है। वह महाराज पंढरपुर की अपनी वार्षिक ‘वारी पदयात्रा’ पर जून के आखिरी हफ्ते में गया था। यहां वह अपने मालिक कमलेश कुंभार के साथ ‘वारी पदयात्रा’ पर आया था। महाराज के मालिक का कहना है कि आषाढ़ एकादशी और कार्तिकी एकादशी पर हर साल पंढरपुर आते हैं। उन्होंने आगे बताया कि इस बार उनके साथ उनका कुत्ता भी गया था। कमलेश कुंभार ने कहा कि उनके पालतू कुत्ते महाराज को भजन सुनना हमेशा से पसंद रहा है। इस से पहले भी वह अपने कुत्ते के साथ महाबलेश्वर के पास ज्योतिबा मंदिर की पदयात्रा पर जा चुके हैं।

दर्शन के बाद खो गया कुत्ता

जानकारी के अनुसार महाराज के मालिक का कहना है कि यात्रा करते समय उनका कुत्ता लगभग 250 किलोमीटर तक उनके पीछे-पीछे चलता रहा। वह अपने दोस्तों के एक ग्रुप के साथ भजन गाते मग्न होकर हुए चल रहे थे। उन्होंने आगे बताया कि मंदिर में दर्शन करने के बाद जब उन्होंने पीछे देखा तो कुत्ता गायब था। जब वह उसको खोजने के लिए गए तो आस-पास के लोगों ने लोगों ने कि कुत्ता किसी दूसरे ग्रुप के साथ चला गया है। उन्होंने उसको हर जगह खोजा, लेकिन वह नहीं मिला। इसलिए वह 14 जुलाई को अपने घर वापस लौट आए। कुत्ते के मालिक कुंभार का कहना है कि आश्चर्य का बात यह है कि अगले ही दिन महाराज उनके घर के सामने खड़ा था। वह अपनी पूंछ हिला रहा था और ऐसे दिखा रहा था जैसे कुछ हुआ ही न हो। इस घटना के बाद महाराज की वापसी पर गांव वालों ने दावत का आयोजन किया। घरवालों का मानना है कि भगवान पांडुरंगा ने ही घर पहुंचने में उसका मार्गदर्शन किया है।

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