नई दिल्ली: भारतीय एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स पचास दिनों से अंतरिक्ष में रह रही है. वहीं अभी भी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर को यह नहीं पता है कि वो कब और कैसे पृथ्वी पर वापस आएंगे। हालाँकि, अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा का कहना है कि वो और अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) […]
नई दिल्ली: भारतीय एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स पचास दिनों से अंतरिक्ष में रह रही है. वहीं अभी भी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर को यह नहीं पता है कि वो कब और कैसे पृथ्वी पर वापस आएंगे। हालाँकि, अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा का कहना है कि वो और अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर मौजूद बाकि के आठ एस्ट्रोनॉट सुरक्षित हैं और वो अच्छी हालत में हैं।
हाल ही में नासा ने बताया कि वे बोइंग स्टारलाइनर के ख़राब होने के पीछे की वजह का पता लगने में जुटी है जो जल्द ही पता चल जाएगी जो कि थ्रस्टर्स का ख़राब होना और हीलियम लीक हो सकता है। हालांकि,अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि सुनीता और बुच कब लौटेंगे या वे उसी बोइंग स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान पर ही वापस लौटेंगे।
बोइंग के अनुसार, स्टारलाइनर अधिकतम नब्बे दिनों तक अंतरिक्ष स्टेशन से जुड़ा रह सकता है, जिसके बाद उसकी बैटरियां खत्म हो सकती हैं। इस कारण अमेरिकन स्पेस टेक्नोलॉजी के पास यह तय करने के लिए कि सुनीता और बुच को कैसे वापस लाना है उसके लिए लगभग चालीस दिन बचे हैं. वहीं हो सकता है कि उन्हें स्पेसएक्स का क्रू ड्रैगन या Russian Soyuz spacecraft में लाया जा स्काट है जो पहले से ही स्पेस स्टेशन पर खड़े हैं।
नासा के क्रू मैनेजर स्टीव स्टिच ने कहा कि क्रू अच्छी हालत में है. वहीं पूरा ध्यान बोइंग स्टारलाइनर पर मौजूद सुनीता और बुच दोनों को पृथ्वी पर वापस लाने पर है। नासा ने एक बयान में कहा कि रिएक्शन कंट्रोल सिस्टम (आरसीएस) थ्रस्टर के परीक्षण पूरे होने के बाद स्टारलाइनर टीम डेटा की समीक्षा कर रही है, जो भविष्य के मिशनों में मदद करेगा। लैंडिंग की तारीख अगले हफ्ते के अंत में आयोजित फ्लाइट टेस्ट रेडीनेस रिव्यू के बाद तय की जाएगी।
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