Maratha Reservation: ’13 अगस्त तक समय है’.. मनोज जारंगे ने शिंदे सरकार को क्यों दिया अल्टीमेटम?

Maharastra news: समाजिक कार्यकता मनोज जरांगे लगातार मराठा आरक्षण की मांग कर रहे है. जरांगे ने शिंदे  सरकार को नया अल्टीमेटम दिया है. मनोज जरांगे ने अनशन समाप्त करने की घोषणा की है. लेकिन इस बीच उन्होंने राज्य सरकार को 13 अगस्त तक समय दिया है. जरांगे ने कहा कि  रात को मैंने सलाइन लगाई […]

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Maratha Reservation: ’13 अगस्त तक समय है’.. मनोज जारंगे ने शिंदे सरकार को क्यों दिया अल्टीमेटम?

Shikha Pandey

  • July 24, 2024 11:48 am Asia/KolkataIST, Updated 4 months ago

Maharastra news: समाजिक कार्यकता मनोज जरांगे लगातार मराठा आरक्षण की मांग कर रहे है. जरांगे ने शिंदे  सरकार को नया अल्टीमेटम दिया है. मनोज जरांगे ने अनशन समाप्त करने की घोषणा की है. लेकिन इस बीच उन्होंने राज्य सरकार को 13 अगस्त तक समय दिया है. जरांगे ने कहा कि  रात को मैंने सलाइन लगाई है. उन्होंने कहा कि सलाइन लगाकर अनशन करने का कोई मतलब नहीं है. हमारी मांगो को सरकार  13 अगस्त तक पूरा करे. सरकार के पास 13 तारीख तक का समय है.

सरकार पर लगाये आरोप

 

मनोज जरांगे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह शैक्षिक संस्थानों और नौकरियों में मराठा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग यानि की ओबीसी  के तहत आरक्षण देने की प्रक्रिया में जानबूझ कर विलंब कर रहे हैं. जरांगे की प्रमुख मांगों में कुनबी समुदाय को मराठा समुदाय के सदस्यों से खून का रिश्ता रखने वाले के रूप में मान्यता देने वाली मसौदा अधिसूचना को लागू करना इसके साथ ही मराठाओं को ओबीसी वर्ग के  तहत आरक्षण देना शामिल है.

बता दें कुनबी कृषक समुदाय है. कुनबी समुदाय को  महाराष्ट्र में ओबीसी वर्ग का दर्जा प्राप्त है. जरांगे यह लगातार मांग कर रहे हैं कि सभी मराठाओं को कुनबी प्रमाण दिया जाए ताकि मराठा समुदाय शिक्षा और सरकारी नौकरियों में ओबीसी कोटा के पात्र हो सकें.

मनोज जरांगे ने कहा शिंदे सरकार मराठा समुदाय को औबीसी के तहत आरक्षण दे सकता है लेकिन सरकार अपनी प्रकिया में जानबूझकर देरी कर रहे हैं. उन्होंने कहा केवल शिंदे सरकार ही आरक्षण दे सकते हैं .लेकिन वह इसमें देरी क्यों कर रहे हैं?’’

तीन आरक्षण का विकल्प

मनोज जरांगे ने कहा कि  मराठों को उनकी मांगें पूरी होने तक सरकार को तीन आरक्षण विकल्प देना चाहिए 

1.आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को ईडब्ल्यूएस 

2.सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा वर्ग एसईबीसी के अंतर्गत 10 प्रतिशत 

3.ओबीसी कोटा यानि  कुनबी के रूप में  27 प्रतिशत प्रतिशत आरक्षण प्रदान करना चाहिए.

 

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