नई दिल्ली: पेरिस ओलंपिक का आगाज 26 जुलाई से हो रहा है, वहीं भारतीय ओलंपिक दल में 117 खिलाड़ी शामिल है, जबकि रुस की तरफ से कुश्ती और निशानेबाजी में इस बार कोई खिलाड़ी नहीं है.
नई दिल्ली: पेरिस ओलंपिक का आगाज 26 जुलाई से हो रहा है, वहीं भारतीय ओलंपिक दल में 117 खिलाड़ी शामिल है, जबकि रूस की तरफ से कुश्ती और निशानेबाजी में इस बार कोई खिलाड़ी नहीं है. इस स्थिति में भारतीय निशानेबाजों और पहलवानों के पास सुनहरा मौका है.
आपको बता दें कि टोक्यो ओलंपिक में रूस के निशानेबाजों ने 8 मेडल जीते थे, इसमें दो गोल्ड, चार सिल्वर और दो ब्रॉन्ज शामिल हैं. वहीं पेरिस ओलंपिक के 6 खेलों में सिर्फ 16 रूसी खिलाड़ी भाग ले रहे हैं जो केवल व्यक्तिगत रुप से ही खेल सकेंगे. वहीं तीन साल पहले टोक्यो ओलंपिक के 30 खेलों में रूस के 335 खिलाड़ियों ने भाग लिया था.
वहीं साल 2022 में रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया था, जिसके बाद अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने रूसी और बेलारूसी एथलीटों पर सख्त पात्रता शर्तें लगा दी थी. इसमें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के कार्यों का समर्थन नहीं करणा या सुरक्षा एजेंसियों से किसी तरह अनुबंधित नहीं होना है.
इसके बाद आईओसी ने रूसी एथलीटों के एक समूह की जांच की और उन्हें मंजूरी दे दी, लेकिन सभी 10 पहलवानों सहित कई ने तटस्थ के रूप में भाग लेने से इनकार कर दिया, यदि उन्होंने निमंत्रण स्वीकार कर लिया होता तो पहलवान किसी विशेष खेल में रूसी एथलीटों का सबसे बड़ा समूह बन गए होते.
आपको बता दें कि टेनिस में विंबलडन सेमीफाइनलिस्ट डेनियल मेदवेदेव सहित देश के सात खिलाड़ी ओलंपिक पावरहाउस का प्रतिनिधित्व करेंगे. वहीं अन्य में कैनोइंग और साइकलिंग में तीन-तीन, तैराकी, ट्रैम्पोलिनिंग और तायक्वोंडो में एक-एक शामिल हैं.
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