देश और संसद में असहिष्णुता के मुद्दे पर जारी बहस के बीच राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने साबरमती आश्रम में कहा कि भारत की असल गंदगी गलियों में नहीं, बल्कि हमारे दिमाग में है. दिमाग को साफ करने की जरुरत है. उन्होंने आश्रम में आयोजित कार्यक्रम के दौरान महात्मा गांधी की सोच का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने एक समावेशी राष्ट्र की कल्पना की थी जहां देश का हर वर्ग समानता के साथ रहे और उसे समान अधिकार मिले.