देश में बेरोजगारी को लेकर अक्सर सवाल उठते हैं। लोग कहते हैं कि युवाओं के पास रोजगार नहीं है। मगर, कई बार ऐसे आंकड़े सामने आते हैं जो
नई दिल्ली: देश में बेरोजगारी को लेकर अक्सर सवाल उठते हैं। लोग कहते हैं कि युवाओं के पास रोजगार नहीं है। मगर, कई बार ऐसे आंकड़े सामने आते हैं जो चौंकाने वाले होते हैं। फाइनेंशियल प्लानिंग स्टैंडर्ड्स बोर्ड (Financial Planning Standards Board) के सीईओ कृष्ण मेनन का दावा है कि फाइनेंशियल सेक्टर में पिछले साल 18 लाख जॉब्स खाली रह गए क्योंकि उन्हें लेने वाला कोई नहीं था।
कृष्ण मेनन ने कहा कि फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर में रोजगार की कोई कमी नहीं है। यहां दिक्कत अलग है। जॉब्स तो हैं, लेकिन उन्हें लेने वाला कोई नहीं है। उन्होंने नेशनल कैरियर सर्विसेज (National Career Services) पोर्टल का हवाला देते हुए कहा कि पिछले साल फाइनेंशियल सर्विसेज में 46.86 लाख जॉब्स पैदा हुए। इनमें से सिर्फ 27.5 लाख पोस्ट ही भरे जा सके थे, जबकि बाकी के 18 लाख पद खाली रह गए। इसकी सबसे बड़ी वजह युवाओं में स्किल की कमी है।
कृष्ण मेनन ने बताया कि गुजरात के गांधीनगर में बन रही गिफ्ट सिटी (GIFT City) में फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर में लगभग 6000 लोगों को रोजगार मिला हुआ है। गिफ्ट सिटी अगले 5 साल में लगभग 1.5 लाख लोगों को रोजगार देगी। उनके मुताबिक, बैंक, इंश्योरेंस कंपनियां, ब्रोकरेज हाउस और म्युचुअल फंड कंपनियों में हमेशा जॉब्स उपलब्ध रहते हैं।
एफपीएसबी इंटरनेशनल सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर (CFP) सर्टिफिकेशन प्रोग्राम चलाती है। पूरी दुनिया में जहां 2.23 लाख CFP हैं, वहीं भारत में सिर्फ 2,731 हैं। साल 2030 तक देश में लगभग 10 हजार CFP होंगे, जबकि जरूरत कम से कम 1 लाख लोगों की होगी। पर्सनल फाइनेंस को अभी तक भारत में गंभीरता से नहीं लिया गया है, इसे अमीरों की चीज माना जाता रहा है। मगर,फ्यूचर में सभी को इसकी जरूरत पड़ेगी।
फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर में रोजगार की कोई कमी नहीं है, लेकिन युवाओं में कौशल की कमी के कारण जॉब्स खाली रह जाती हैं। अगर आप इस सेक्टर में करियर बनाना चाहते हैं, तो जरूरी है कि आप अपने कौशल को बढ़ाएं और उचित ट्रेनिंग लें। इससे न केवल आपका भविष्य सुरक्षित रहेगा, बल्कि आप देश की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत बना सकेंगे।
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