ये हैं भारत के 5 सबसे प्राचीन मंदिर, जानिए इनके पीछे की कहानी

नई दिल्ली: भारत में कई प्राचीन मंदिर हैं, जिनके पीछे रोचक और पौराणिक कहानियाँ छुपी हुई हैं। ये कहानियाँ धार्मिक, सांस्कृतिक, और ऐतिहासिक महत्व रखती हैं। ये कहानियाँ हमारे देश के बारे में ऐसे-ऐसे राज को उजागर करती है जिनको सुनने के बाद लोग हैरान हो जाते हैं। कुछ लोग ऐसे कई प्राचीन मंदिर के […]

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ये हैं भारत के 5 सबसे प्राचीन मंदिर, जानिए इनके पीछे की कहानी

Shweta Rajput

  • July 19, 2024 2:12 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 months ago

नई दिल्ली: भारत में कई प्राचीन मंदिर हैं, जिनके पीछे रोचक और पौराणिक कहानियाँ छुपी हुई हैं। ये कहानियाँ धार्मिक, सांस्कृतिक, और ऐतिहासिक महत्व रखती हैं। ये कहानियाँ हमारे देश के बारे में ऐसे-ऐसे राज को उजागर करती है जिनको सुनने के बाद लोग हैरान हो जाते हैं। कुछ लोग ऐसे कई प्राचीन मंदिर के दर्शन कर चुके होंगे जिनके पीछे की गाथा काफी जानी-मानी है। आइए जानते हैं भारत के 5 ऐसे प्रचीन मंदिरों के बारे में जिनके पीछे की कहानियां काफी रोचक हैं। इन मंदिरों की कहानियाँ और उनके पीछे का इतिहास न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि ये भारतीय संस्कृति और इतिहास की धरोहर भी हैं।

भारत के पांच सबसे दिव्य और प्राचीन मंदिर के नाम हैं:-

1. काशी विश्वनाथ मंदिर (वाराणसी, उत्तर प्रदेश)

काशी विश्वनाथ मंदिर, जिसे विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग के रूप में भी जाना जाता है, वाराणसी में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और हिन्दू धर्म के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है।

कहानी: यह माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 1780 में महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने करवाया था। इस मंदिर को कई बार मुगल आक्रमणों में ध्वस्त किया गया और पुनः निर्माण किया गया। कहा जाता है कि यहाँ भगवान शिव ने माता पार्वती को अनंत ज्ञान का उपदेश दिया था। यह मंदिर पवित्र गंगा नदी के किनारे स्थित है और इसकी महिमा पूरे भारत में फैली हुई है।

2. सोमनाथ मंदिर (गुजरात)

सोमनाथ मंदिर, सौराष्ट्र के वेरावल बंदरगाह के पास स्थित है। यह भी एक ज्योतिर्लिंग मंदिर है और इसे भारत के सबसे प्राचीन और महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक माना जाता है।

कहानी: पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस मंदिर का निर्माण स्वयं चंद्रदेव ने करवाया था। चंद्रदेव ने भगवान शिव की तपस्या की और उनकी कृपा से अपने श्राप से मुक्त हुए। यह मंदिर कई बार मुस्लिम आक्रमणों में ध्वस्त किया गया और हर बार इसे पुनः बनाया गया। इसका वर्तमान स्वरूप 1951 में सरदार वल्लभभाई पटेल के नेतृत्व में बना।

3. रामेश्वरम मंदिर (तमिलनाडु)

रामेश्वरम मंदिर, रामनाथपुरम जिले के रामेश्वरम द्वीप पर स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यह भी एक ज्योतिर्लिंग मंदिर है।

कहानी: रामायण के अनुसार, भगवान राम ने सीता को रावण से मुक्त करने के बाद यहाँ भगवान शिव की पूजा की थी। उन्होंने एक शिवलिंग की स्थापना की थी, जिसे “रामलिंगम” कहा जाता है। यह मंदिर अपने भव्य और विस्तृत गलियारों के लिए प्रसिद्ध है और इसका निर्माण विभिन्न समयों पर विभिन्न राजाओं ने किया।

4. जगन्नाथ मंदिर (पुरी, ओडिशा)

जगन्नाथ मंदिर भगवान विष्णु के अवतार, जगन्नाथ (जिसका अर्थ है “संसार का स्वामी”) को समर्पित है। यह मंदिर चार धामों में से एक है और इसका निर्माण 12वीं शताब्दी में किया गया था।

कहानी: कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण राजा अनंतवर्मन चोडगंगा देव ने 1078 से 1148 के बीच करवाया था। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विष्णु ने अपने भक्तों के उद्धार के लिए इस रूप में प्रकट हुए थे। यहाँ का रथयात्रा महोत्सव विश्व प्रसिद्ध है, जिसमें लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं।

5. मीनाक्षी अम्मन मंदिर (मदुरै, तमिलनाडु)

मीनाक्षी अम्मन मंदिर, मदुरै में स्थित है और यह देवी मीनाक्षी (पार्वती) और भगवान सुंदरेश्वर (शिव) को समर्पित है।

कहानी: यह माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 6वीं शताब्दी में पांड्य राजाओं ने करवाया था, और बाद में नायक राजाओं ने इसे विस्तारित और सुसज्जित किया। पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी पार्वती ने मीनाक्षी के रूप में जन्म लिया था और भगवान शिव सुंदरेश्वर के रूप में प्रकट हुए थे। यह मंदिर अपनी स्थापत्य कला और भव्यता के लिए प्रसिद्ध है।

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