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इन 10 गलितयों ने यूपी में मोदी-शाह की लुटिया डुबोई!

लखनऊ। 2024 लोकसभा चुनाव के परिणाम ने भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका दिया। जहां पार्टी 400 पार का सपना देख रही थी तो वहीं उसे बहुमत तक नहीं मिला। बीजेपी को सबसे तगड़ा चोट उत्तर प्रदेश ने दिया है। 2019 लोकसभा चुनाव में 62 सीटों को जीतने वाली बीजेपी इस बार महज 33 सीटों […]

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मोदी-शाह
  • July 18, 2024 11:34 am Asia/KolkataIST, Updated 5 months ago

लखनऊ। 2024 लोकसभा चुनाव के परिणाम ने भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका दिया। जहां पार्टी 400 पार का सपना देख रही थी तो वहीं उसे बहुमत तक नहीं मिला। बीजेपी को सबसे तगड़ा चोट उत्तर प्रदेश ने दिया है। 2019 लोकसभा चुनाव में 62 सीटों को जीतने वाली बीजेपी इस बार महज 33 सीटों पर सिमट कर रह गई। इस हार से यूपी बीजेपी में उथल पुथल मचा हुआ है। दिल्ली से लेकर यूपी तक लगातार बैठक हो रही है। प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी दो दिनों से दिल्ली में डेरा जमाये हुए हैं। हार को लेकर वो पीएम मोदी, शाह और जेपी नड्डा को फीडबैक दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि भूपेंद्र चौधरी ने पार्टी के 40 हजार कार्यकर्ताओं से बात करके 15 पन्नों की रिपोर्ट बीजेपी आलाकामान को सौंपा है। इसमें हार के 10 कारण का उल्लेख किया गया है।

बीजेपी के यूपी हारने के 10 कारण-

1.रिपोर्ट में चुनाव हारने का सबसे बड़ा कारण पिछले 6 सालों में लगातार हो रहे पेपर लीक को बताया गया है। सरकारी नौकरी में जिस तरह से पेपर लीक हुए हैं, उससे युवा वोटर छिटक गए हैं।

2.राज्य सरकार की नौकरियों में संविदा कर्मियों की भर्ती में जनरल कैटेगरी के लोगों को प्राथमिकता दी गई। इससे विपक्ष को आरक्षण खत्म करने के मुद्दे को बल मिला और इससे SC-ST व ओबीसी वोटरों में कमी आई।

3.कार्यकर्ताओं में असंतोष भी ख़राब प्रदर्शन की बड़ी वजह रही। रविवार को हुए कार्यसमिति की बैठक में कार्यकर्ताओं के सम्मान का मुद्दा उठाया गया। इसके बाद बीजेपी में मची कलह खुलकर सामने आ गई है।

4.राजपूत समाज इस बार बीजेपी से नाराज है। राजपूत वोटरों में 30 प्रतिशत की गिरावट आई है। सपा और कांग्रेस ने इस मुद्दे को भुनाया और इसका लाभ उन्हें मिला।

5.टिकट वितरण ने भी पार्टी को नुकसान पहुंचाया है। सातों चरणों में हुई वोटिंग से चुनाव लंबा खिंचा और इससे कार्यकर्ताओं के उत्साह में कमी आई।

6.अग्निवीर योजना ने भी वोटरों को बीजेपी से दूर किया। दूसरी तरफ राहुल गांधी चुनाव में लगातार इस मुद्दे को उठा रहे थे।

7.सरकारी अधिकारियों में पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर नाराजगी देखी गई। जिसका खामियाजा पार्टी को लोकसभा चुनाव में देखना पड़ा।

8.पार्टी का कहना है कि BJP के कोर वोटर्स का नाम मतदाता सूची में नहीं था। सभी सीटों पर भाजपा के 30-40 हजार कोर वोटर्स के नाम वोटरलिस्ट से हटा दिया गया। इसका नुकसान चुनाव के दौरान पार्टी को झेलना पड़ा।

9. लोग बुलडोजर कार्रवाई से नाराज बताये जा रहे। अपराधियों की आड़ में बिना नोटिस दिए गरीबों के घर को भी तोड़ा गया।

10. पुलिस कस्टडी में लोगों की मौत हो या फिर फर्जी एनकाउंटर। कई जगहों पर सरकार चूक गई जिसका फायदा अखिलेश और राहुल ने उठाया।

 

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