पुणे/मुंबई: विवादों में घिरीं ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. इस बीच पूजा का एक और झूठ पकड़ा गया है. बताया जा रहा है कि पूजा खेडकर ने अपने विकलांगता सर्टिफिकेट को लेकर झूठ बोला है. उन्होंने सिर्फ 7% विकलांगता के आधार पर यूपीएससी में विकलांग […]
पुणे/मुंबई: विवादों में घिरीं ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. इस बीच पूजा का एक और झूठ पकड़ा गया है. बताया जा रहा है कि पूजा खेडकर ने अपने विकलांगता सर्टिफिकेट को लेकर झूठ बोला है. उन्होंने सिर्फ 7% विकलांगता के आधार पर यूपीएससी में विकलांग कोटे से सिलेक्शन लिया है. जबकि UPSC के नियम के मुताबिक विकलांग कोटे से सिलेक्शन पाने के लिए कम से कम 40% डिसेबिलिटी होना जरूरी है.
बता दें कि मंगलवार की दोपहर पूजा खेडकर की आईएएस ट्रेनिंग को रद्द कर दिया गया. उन्हें 23 जुलाई तक मसूरी में स्थित लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एडमिनिस्ट्रेशन एकेडमी में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है. बताया जा रहा है कि मामले की जांच पूरा होने तक वह (पूजा खेडकर) यहीं रहेंगी. महाराष्ट्र सरकार के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ने 16 जुलाई को इसे संबंधित आदेश को जारी किया है.
मालूम हो कि पूजा खेडकर ने यूपीएससी को सौंपे अपने हलफनामे में खुद को दृष्टिबाधित और मानसिक तौर से बीमार बताया था. उन्होंने दिव्यांगता सर्टिफिकेट का उपयोग कर यूपीएससी में विशेष रियायतें हासिल की थीं. जिसकी वजह से सिविल सेवा की परीक्षा में कम नंबर होने के बावजूद उन्होंने परीक्षा पास कर ली. अब पूजा पर आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की परीक्षा पास करने के लिए शारीरिक विकलांगता श्रेणी और ओबीसी कोटे का दुरुपयोग किया है. इसके साथ ही उनपर हाल ही में दबंगई करने का भी आरोप लगा है. जिसके बाद उनका पुणे से महाराष्ट्र के वाशिम जिले में ट्रांसफर कर दिया गया है.
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