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वीडियो गेम्स की लत: बच्चों की मेंटल हेल्थ पर खतरा और इसके समाधान

आजकल के बच्चे बाहर मैदान में खेलने नहीं जाते उससे ज्यादा फ़ोन या लैपटॉप पर टाइम बिता रहे है। उन्हें स्मार्टफोन में वीडियो गेम्स खेलने की लत

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वीडियो गेम्स की लत: बच्चों की मेंटल हेल्थ पर खतरा और इसके समाधान
  • July 16, 2024 5:52 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 months ago

Health Tips: आजकल के बच्चे बाहर मैदान में खेलने नहीं जाते उससे ज्यादा फ़ोन या लैपटॉप पर टाइम बिता रहे है। उन्हें स्मार्टफोन में वीडियो गेम्स खेलने की लत लग गई है। वो पूरा दिन एक ही कमरे में बैठकर गेम्स खेलना पसंद करते है। इसका सबसे ज्यादा असर उनके दिमाग पर हो रहा है और उनकी मेंटल हेल्थ बिगड़ रही है। वीडियो गेम्स की वजह से वे परिवार और समाज से कट रहे हैं।

कई पैरेंट्स भी बच्चों की इस आदत से परेशान हैं और लाख कोशिशों के बावजूद वे बच्चों की इस आदत को नहीं बदल पा रहे हैं। आइए जानते हैं कि वीडियो गेम्स खेलने से बच्चों की मेंटल हेल्थ किस तरह प्रभावित हो रही है और इस लत को छुड़ाने के लिए पैरेंट्स को क्या करना चाहिए…

वीडियो गेम्स से बच्चों की मेंटल हेल्थ को नुकसान

1. दिमागी कमजोरी
बच्चे अक्सर लंबे समय तक बिना पलक झपकाए मोबाइल पर वीडियो गेम्स खेलते रहते हैं। इससे उनकी एकाग्रता खराब होती है और दिमाग सही से काम नहीं कर पाता। इससे सिरदर्द बना रहता है, जिससे वे अपने पैरेंट्स, फैमिली या फ्रेंड्स से बात नहीं करते और चिड़चिड़ापन महसूस करते हैं।

2. चिड़चिड़ापन
गैजेट्स या लगातार वीडियो गेम खेलने से बच्चों के दिमाग पर बहुत दबाव पड़ता है। इससे सिरदर्द और भारीपन बना रहता है, जिससे बच्चे चिड़चिड़ापन महसूस करते है।

3. तनाव और अनिद्रा
कई बच्चे रात में देर तक ऑनलाइन गेम्स खेलते हैं। इससे उनकी आंखों में ड्राईनेस, दर्द और सिरदर्द होता है। नींद नहीं आती और सुबह उठने में परेशानी होती है। इससे बच्चों की पूरी दिनचर्या बिगड़ जाती है और किसी काम में मन नहीं लगता।

4. अकेलापन
वीडियो गेम्स की लत की वजह से बच्चों में अकेलापन आ जाता है। उनका ज्यादातर समय दोस्तों या फैमिली के बजाय वीडियो गेम्स के बीच बीतता है। उदासी हावी हो जाती है और इमोशनली वीक हो जाते हैं। किसी से अपनी फीलिंग्स शेयर नहीं कर पाते।

5. फैमिली और फ्रेंड्स से दूर
जब बच्चों का मन बस गेम्स में लगा रहता है तो वो हर काम कमरे में ही करना पसंद करते हैं। खाना भी पैरेंट्स या फैमिली के साथ नहीं, बल्कि अकेले ही खाते हैं। दोस्तों के साथ बाहर खेलने भी नहीं जाते, जिससे उनकी फिजिकल, मेंटल और सोशल ग्रोथ प्रभावित होती है। वे सभी से कट जाते हैं और अकेलापन हावी हो जाता है।

6. अपनी बात शेयर न कर पाना
वीडियो गेम्स की वजह से बच्चों का सामाजिक दायरा सिमट जाता है। वे किसी से बात करने से हिचकते हैं और किसी सवाल का सही जवाब नहीं दे पाते। स्कूल में भी हर बात में झिझकते हैं और अपनी फीलिंग्स तक शेयर नहीं कर पाते।

बच्चों की वीडियो गेम्स की लत कैसे छुड़ाएं

1. स्क्रीन टाइम कम करें
बच्चों को दो घंटो से ज्यादा फोन न दे। कोशिश करे उनका स्क्रीन टाइम हो।

2. प्यार से समझाएं
उन्हें प्यार से समझाए और उनसे बात करे। उनसे घर में छोटे-मोटे किचन के काम कराए।

3. फ्रेंड्स के साथ खेलने भेजें
फ्रेंड्स के साथ खेलने जाने को कहें और खुद भी इसका हिस्सा बनें।

4. अच्छे कंटेंट दिखाएं
कोशिश करे बच्चा फोन में कुछ अच्छा सिखने का कंटेंट या वीडियो देखें।

 

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