क्या होता है पोस्टपार्टम साइकोसिस डिप्रेशन, जानिए कैसे माएं अपने बच्चे को पहुंचा देती है नुकसान What is postpartum psychosis know the symptoms and reason
नई दिल्ली: अक्सर डिलीवरी के बाद महिलाएं कई तरह की अलग-अलग समस्याओं से गुजरती हैं. इसमें से एक डिप्रेशन भी होता है, आम डिप्रेशन से ज्यादा खतरनाक हो सकता है साइकोसिस पोस्टपार्टम.
पोस्टपार्टम साइकोसिस महिलाओं में होने वाली एक गंभीर मानसिक समस्या है. यह समस्या अधिकतर महिलाओं में बच्चा डिलीवर करने के बाद देखी जाती है. इसमें वे बच्चे के लिए किसी बेरहम मां से कम नहीं होती है. खानपान और बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल इसकी सबसे बड़ी वजह है. ये एक ऐसी डिजीज होती है जिसमें मां की मेंटल हेल्थ बुरी तरह से खराब हो जाती है. वे अपनी खुद की गतिविधियों पर कंट्रोल नहीं कर पाती है. जिसमें सबसे बड़ा नुकसान बच्चे का होता है.
डिलीवरी के बाद महिलाओं को अधिक केयर और प्यार की जरूरत होती हैं लेकिन कई बार कुछ महिलाओं के साथ ऐसा नहीं हो पाता. नई मांओं को पति या परिवार का सहारा नहीं मिल पाता जिससे वे चिड़चिड़ा जाती है और डिप्रेशन में जाने लगती है. ये डिप्रेशन उनकी सेहत के साथ-साथ बच्चे की सेहत के लिए हानिकारक हो जाता है.
उनका सारा गुस्सा पैदा हुए बच्चे पर उतर जाता है, वे न तो उन्हें सही समय पर फीड करवाती हैं न ही उनका ख्याल रखती हैं. कई बार यह डिप्रेशन इतना खतरनाक हो जाता है कि माएं या तो खुद आत्महत्या कर लेती है. नहीं तो अपने बच्चे की जान भी ले लेती हैं.
कुछ समय पहले जर्मनी में इस समस्या से गुजर रही एक मां ने अपने गुस्से और चिड़चिड़ेपन के कारण अपनी नवजात बच्ची को खिड़की के बाहर फेंक दिया था. इसका कारण था कि महिला को महसूस होने लगा था कि बच्ची मां के करियर को बर्बाद कर रही है
-अजीबोगरीब चीजों को खाने की डिमांड करना
-व्यवहार में शक पैदा होना
-नींद न आना
-खुद की भावनाओं और गुस्से पर नियंत्रण खो देना
अगर कभी ऐसे लक्षण आपके घर की महिलाओं में दिखे तो समझ जाइए कि कोई समस्या है और तुरंत मनोवैज्ञानिक से संपर्क करें.
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