IAS Pooja Khedekar News: सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए फर्जी दिव्यांगता और ओबीसी सर्टिफिकेट इस्तेमाल करने के मामले में आरोपी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के पिता ने उनका बचाव करते हुए कहा कि पूजा ने कुछ भी अवैध नहीं किया है. कैसे सुर्खियों में आईं पूजा खेडकर पूजा हाल ही में तब सुर्खियों […]
IAS Pooja Khedekar News: सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए फर्जी दिव्यांगता और ओबीसी सर्टिफिकेट इस्तेमाल करने के मामले में आरोपी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के पिता ने उनका बचाव करते हुए कहा कि पूजा ने कुछ भी अवैध नहीं किया है.
पूजा हाल ही में तब सुर्खियों में आईं जब उन्होंने पुणे में अपनी तैनाती के दौरान अलग से केबिन’ और ‘स्टाफ’ की डिमांड की थी.जिसके बाद उनका तुरंत वाशिम जिले में ट्रांसफर कर दिया गया. उसके बाद उन पर अन्य पिछड़ा वर्ग ओबीसी और आठ लाख रुपये से कम सलाना आय) और दृष्टिबाधित श्रेणियों के अतंर्गत सिविल सेवा परीक्षा देकर और मानसिक बीमारी का फर्जी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करके आईएएस में स्थान प्राप्त करने के आरोप लगे.
पूजा के पिता दिलीप खेडकर ने कहा कि वह वास्तव में गैर समृद्ध वर्ग यानि की नॉन-क्रीमी लेयर से ताल्लुक रखते हैं. दिलीप खेडकर महाराष्ट्र सरकार के पूर्व कर्मचारी थे उन्होंने लोकसभा चुनाव भी लड़ा था और उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में 40 करोड़ रुपये की संपत्ति बताई थी. उन्होंने आगे कहा कि यदि सीमित साधनों वाला कोई व्यक्ति चार से पांच एकड़ जमीन का मालिक है, तो उसके संपत्ति से मूल्यांकन से पता चलता है.कि उसकी संपत्ति कई करोड़ रुपये है.
दिलीप ने कहा हालांकि समृद्ध वर्ग को क्रीमी लेयर के रूप में वर्गीकरण संपत्ति मूल्यांकन के बदले आय पर निर्भर करता है.’ दिलीप ने कहा, पूजा ने सरकारी काम के लिए ‘लग्जरी’ कार का इस्तेमाल इसलिए किया क्योंकि कोई सरकारी गाड़ी उस समय उपलब्ध नहीं था. उसने प्रशासन में अपने सीनीयर से परमिशन लेकर ऐसा किया. कार हमारे रिश्तेदार की है.पूजा ने कार पर लालबत्ती लगाकर किसी को धोखा नहीं दिया है.
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