jammu kashmir:केंद्र सरकार ने जम्मू- कश्मीर को लेकर बड़ा फैसला किया है. इस फैसले के मुताबिक अब जम्मू- कश्मीर में उपराज्यपाल के पास दिल्ली के एलजी जैसी शक्तियां होगी बता दें कि जम्मू कश्मीर का जब से पुनर्गठन हुआ है .वहां तब से चुनाव नहीं हुए हैं। ऐसे में जब भी चुनाव होगा और सरकार […]
jammu kashmir:केंद्र सरकार ने जम्मू- कश्मीर को लेकर बड़ा फैसला किया है. इस फैसले के मुताबिक अब जम्मू- कश्मीर में उपराज्यपाल के पास दिल्ली के एलजी जैसी शक्तियां होगी बता दें कि जम्मू कश्मीर का जब से पुनर्गठन हुआ है .वहां तब से चुनाव नहीं हुए हैं। ऐसे में जब भी चुनाव होगा और सरकार का गठन होगा तो चुनी हुई सरकार से अधिक शक्तियां उपराज्यपाल के पास होंगी .उपराज्यपाल को मिलने वाली ये प्रशासनिक शक्तियां वैसी ही होगी जैसे दिल्ली के एलजी के पास हैं।
42ए- इस अधिनियम के अंतर्गत ‘पुलिस ,सार्वजनिक व्यवस्था,अखिल भारतीय सेवा और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के संबंध में वित्त विभाग की पूर्व सहमति लेनी जरूरी है. तब तक स्वीकृत या अस्वीकार नहीं किया जाएगा जब तक कि इसे मुख्य सचिव के माध्यम से उपराज्यपाल के समक्ष नहीं रखा जाता है।
42बी- अभियोजन स्वीकृति देने या अस्वीकार करने या अपील दायर करने के संबंध में कोई भी प्रस्ताव विधि विभाग द्वारा मुख्य सचिव के माध्यम से उपराज्यपाल के समक्ष रखा जाएगा।
केंद्र के इस फैसले पर जम्मू कश्मीर के नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. नेशनल कांफ्रेस के नेता उमर अब्दूल्ला ने कहा कि ये सकेंत है कि जम्मू कश्मीर में चुनाव जल्द होने वाले हैं .यही कारण है कि जम्मू-कश्मीर के लिए पूर्ण, अविभाजित राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए समयसीमा निर्धारित करने की दृढ़ प्रतिबद्धता इन चुनावों के लिए शर्त है. जम्मू-कश्मीर के लोग को अब शक्तिहीन, और रबर स्टैम्प सीएम मिलेगा.जिन्हें अपने चपरासी की नियुक्ति के लिए भी एलजी की सुननी पड़ेगी.
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