लखनऊ। यूपी के हाथरस में भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि के सत्संग के बाद मची भगदड़ में अब तक 121 लोगों की जान जा चुकी है। इस मामले में FIR दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। इसी बीच कांडी बाबा को लेकर तरह-तरह के खुलासे हो रहे हैं। बताया जा रहा […]
लखनऊ। यूपी के हाथरस में भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि के सत्संग के बाद मची भगदड़ में अब तक 121 लोगों की जान जा चुकी है। इस मामले में FIR दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। इसी बीच कांडी बाबा को लेकर तरह-तरह के खुलासे हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि 23 साल पहले मृत लड़की को जिंदा करने के आरोप में गिरफ्तार हुआ था।
दिसंबर 2000 में पुलिस ने सूरज पाल उर्फ नारायण साकार हरि को 6 अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया था। इसके बाद उसके अनुयायियों ने श्मशान घाट पर हंगामा खड़ा कर दिया था। जानकारी के मुताबिक बाबा अपनी गोद ली हुई बेटी को जादुई शक्तियों से जीवित करने का दावा कर रहा था। जिसके बाद पुलिस ने उसे 6 अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार कर लिया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सूरज पाल की अपनी कोई संतान नहीं थी। तब उसने अपनी भतीजी को गोद लिया था। लड़की कैंसर पीड़िता थी, एक दिन बेहोश होकर गिर गई। तब बाबा के अपने अनुयायियों के साथ मिलकर उसे जादू से जिंदा करने की कोशिश की लेकिन बच्ची की मौत हो गई।
भोले बाबा का असली नाम सूरज पाल जाटव है और वह एटा जिले के बहादुर नगर गांव का रहने वाला है। बाबा की शुरूआती पढ़ाई एटा में ही हुई थी। बाद में उत्तर प्रदेश पुलिस में नौकरी लग गई। यूपी पुलिस में हेड कांस्टेबल की नौकरी के दौरान उसके ऊपर यौन शोषण का केस दर्ज हुआ, जिसमें नौकरी चली गई। जेल से छूटने के बाद उसने अपना नाम बदलकर नारायण हरि उर्फ साकार विश्वहरि रख लिया। लोग उसे भोले बाबा कहकर बुलाने लगे।
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