नई दिल्ली: नेशनल एलिजिबिलिटी कॉमन टेस्ट (CET) परीक्षा को लेकर हाल ही में हुए घटनाक्रमों ने विवाद को बढ़ा दिया है। इसी बीच, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने शिक्षा मंत्री को तंग करते हुए NEET में हुए व्यवस्थागत गलतियों पर सवाल उठाए हैं। इस विषय पर विस्तार से चर्चा करते हुए, देखते हैं कि क्या […]
नई दिल्ली: नेशनल एलिजिबिलिटी कॉमन टेस्ट (CET) परीक्षा को लेकर हाल ही में हुए घटनाक्रमों ने विवाद को बढ़ा दिया है। इसी बीच, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने शिक्षा मंत्री को तंग करते हुए NEET में हुए व्यवस्थागत गलतियों पर सवाल उठाए हैं। इस विषय पर विस्तार से चर्चा करते हुए, देखते हैं कि क्या है इस विवाद का सच्चाई का संक्षेपन।
जयराम रमेश ने NEET परीक्षा में हुए गलतियों को लेकर उठाए गए सवालों की दृष्टि से यह कहा कि शिक्षा मंत्री द्वारा इस मुद्दे पर दी गई बयान से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने मांग की कि NEET परीक्षा की प्रक्रिया में पारदर्शिता और न्यायसंगतता को सुनिश्चित किया जाए, ताकि छात्रों की अधिक संख्या को इस परीक्षा के माध्यम से उचित रूप से निर्णय लेने का अवसर मिल सके।
First the Union Education Minister said nothing was systemically wrong with NEET. Now he accepts that the NTA needs to be improved a lot. He should walk the talk now. The youth of the country are watching him.https://t.co/juoGVdNajk
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) June 16, 2024
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने NEET परीक्षा की प्रक्रिया के संबंध में अपने बयान में बताया कि व्यवस्थागत तौर पर प्रवेश प्रक्रिया में कोई भी गड़बड़ी नहीं है। हालांकि, उन्होंने स्वीकारा कि NEET में सुधार की आवश्यकता है और इसके लिए कार्रवाई की जाएगी। यह उनकी सरकार की सकारात्मक दृष्टि को दर्शाता है कि वे शिक्षा के क्षेत्र में न्यायसंगत और समर्थनीय नीतियों को प्रोत्साहित करने में लगे हुए हैं।
छात्रों की ओर से NEET परीक्षा में स्थिति में सुधार की मांग लगातार बढ़ रही है। उनकी आशाएं हैं कि यह परीक्षा उनकी योग्यता को सही ढंग से मापने के लिए एक निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से संपन्न हो। इसके साथ ही, वे शिक्षा प्रणाली में और भी गहराई और स्थिरता लाने के लिए प्रतिबद्ध रहते हैं, ताकि उन्हें उचित मार्गदर्शन और संदेश दिया जा सके।
NEET परीक्षा के मामले में सरकार को सक्रिय रहने की आवश्यकता है और इसे सुधारने के लिए संविदानिक और व्यवस्थापना के मानकों का पालन करना चाहिए। यह वक्त आ गया है कि शिक्षा मंत्रालय और सरकार अपने कदम बढ़ाकर छात्रों की अपेक्षाओं को सामान्य बनाएं और NEET परीक्षा के माध्यम से उनके भविष्य को सुरक्षित बनाएं।
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