नई दिल्ली: भारत में लोकसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं। सभी 543 सीटों के परिणाम घोषित हो चुके हैं, लेकिन दो सीटों के परिणाम ने सबको चौंका दिया है। कश्मीर और पंजाब की दो सीटों से जेल में बंद दो कट्टरपंथियों ने चुनाव जीत लिया है। अब सवाल उठता है कि ये दोनों शपथ […]
नई दिल्ली: भारत में लोकसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं। सभी 543 सीटों के परिणाम घोषित हो चुके हैं, लेकिन दो सीटों के परिणाम ने सबको चौंका दिया है। कश्मीर और पंजाब की दो सीटों से जेल में बंद दो कट्टरपंथियों ने चुनाव जीत लिया है। अब सवाल उठता है कि ये दोनों शपथ ग्रहण के लिए संसद कैसे जाएंगे। आइए, इस प्रक्रिया को समझते हैं।
दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद इंजीनियर शेख अब्दुल राशिद ने बारामूला सीट से निर्दलीय चुनाव जीता है। उन्हें गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत जेल में रखा गया है। दूसरी ओर, असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद “वारिस पंजाब दे” के मुखिया अमृतपाल सिंह ने पंजाब की खडूर साहिब सीट से चुनाव जीता है। उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत जेल में रखा गया है।
इन दोनों नेताओं को शपथ ग्रहण के लिए संसद जाने के लिए कानून का पालन करना होगा। पहले, इन्हें अदालत से अनुमति लेनी होगी। अनुमति मिलने के बाद वे कड़ी सुरक्षा के बीच संसद में शपथ ग्रहण करने जा सकते हैं। इनकी शपथ टाली जा सकती है, लेकिन रोकी नहीं जा सकती।
परंपरागत प्रक्रिया के अनुसार, सबसे पहले संसद के स्पीकर जेल के अधीक्षक को शपथ ग्रहण के लिए निमंत्रण भेजेंगे। चूंकि दोनों न्यायिक हिरासत में हैं, इसलिए जेल अधीक्षक को अदालत से अनुमति लेनी होगी। अदालत की अनुमति मिलने पर इन्हें कड़ी सुरक्षा में संसद ले जाया जाएगा।
अदालत की अनुमति पर ही जेल से संसद तक इन्हें कड़ी सुरक्षा में ले जाया जाएगा। इस दौरान उनके लिए मोबाइल फोन का इस्तेमाल या किसी अन्य व्यक्ति से मिलने की अनुमति नहीं होगी। उच्च रैंक के पुलिस अधिकारी इन्हें संसद तक एस्कॉर्ट करेंगे। संसद के गेट पर इन्हें संसद की सुरक्षा में सौंप दिया जाएगा।
संसद के अंदर जाते ही इन नेताओं को वे सभी अधिकार मिल जाएंगे, जो अन्य सांसदों को मिलते हैं। हालांकि, शपथ ग्रहण हो या संसद का कोई सत्र, जेल से आने-जाने के लिए हर बार कोर्ट से अनुमति लेनी होगी और कड़ी सुरक्षा में संसद तक ले जाया जाएगा।
इस प्रकार, जेल में बंद होने के बावजूद ये नेता लोकतंत्र के तहत शपथ ग्रहण कर सकते हैं, लेकिन उन्हें हर बार कानून का पालन करना होगा।
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