आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने केजरीवाल सरकार के जन लोकपाल बिल को धोखा बताया है. प्रशांत भूषण ने कहा है कि केजरीवाल को जल्द इस्तीफा दे देना चाहिए.
नई दिल्ली. आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने केजरीवाल सरकार के जन लोकपाल बिल को धोखा बताया है. प्रशांत भूषण ने कहा है कि केजरीवाल को जल्द इस्तीफा दे देना चाहिए.
प्रशांत भूषण ने केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए कहा है कि इस जनलोकपाल बिल को उन्होंने अपनी सहुलियत के बनाया है, क्योंकि इसे लेकर लोगों से राय नहीं ली गई है. उन्होंने कहा कि यह जनलोकपाल बिल सरकारी लोकपाल से भी बदतर है, क्योंकि यह अपने सिद्धांतो से हट गया है.
Saw shockingly dishonest Delhi lokpal bill: Appt & removal by Delhi Govt; No invt agency under it; Emp to inv GOI as well; Designed to fail!
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) November 27, 2015
उन्होंने ये भी कहा कि अरविंद केजरीवाल सत्ता के लिए सब कर रहे हैं. अरविंद जवाबदेही नहीं चाहते. उन्होंने देश और दिल्ली के लोगों के साथ धोखा किया है. लिहाजा, उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए.
उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि दिल्ली लोकपाल विधेयक उन सभी सिद्धांतों को ध्वस्त करता है जिसका मसौदा हमने तैयार किया था जैसे नियुक्ति एवं पद से हटाना सरकार के अधीन न हो, लोकपाल के अधीन स्वतंत्र जांच एजेंसी. दिल्ली लोकपाल विधेयक को देखकर हैरानी हुई. इसे असफल होने के लिए तैयार किया गया है.
By providing that Delhi Lokpal will investigate corruption of Central govt in #AapJokepalBill AK has ensured that LG will not allow&it fails
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) November 28, 2015
इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि विधेयक एक स्वतंत्र लोकपाल के सभी सिद्धांतों को ध्वस्त करता है और यह ‘एक जोकपाल से बदतर’ है. इसी शब्द का इस्तेमाल आप ने केंद्र की ओर से पारित लोकपाल विधेयक के लिए किया था.
प्रशांत भूषण ने दावा किया कि दिल्ली सरकार का नया जनलोकपाल विधेयक उससे अलग है, जिसका मसौदा अन्ना हजारे के नेतृत्व में भ्रष्टाचार निरोधक आंदोलन के दौरान तैयार किया गया था, क्योंकि स्वतंत्र लोकपाल की नियुक्ति और उसे पद से हटाना राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा.
Delhi Lokpal bill trashes all principles of an Ind Janlokpal that we had drafted: Appt & removal not under govt; Ind Inv agency under Lokpal
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) November 27, 2015