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DRDO के इंजीनियर निशांत अग्रवाल को उम्रकैद कि सजा, ISI के लिए जासूसी का आरोप

Brahmos missile: इंजीनियर निशांत अग्रवाल नागपुर स्थित कंपनी के मिसाइल केंद्र में तकनीकी अनुसंधान प्रभाग में काम करते थे. अग्रवाल को 2018 में सैन्य खुफिया प्रभाग और एटीएस ने गिरफ्तार किया था. नागपुर की जिला अदालत ने सोमवार को निशांत अग्रवाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व अभियंता निशांत […]

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DRDO के इंजीनियर निशांत अग्रवाल को उम्रकैद कि सजा, ISI के लिए जासूसी का आरोप
  • June 4, 2024 7:30 am Asia/KolkataIST, Updated 7 months ago

Brahmos missile: इंजीनियर निशांत अग्रवाल नागपुर स्थित कंपनी के मिसाइल केंद्र में तकनीकी अनुसंधान प्रभाग में काम करते थे. अग्रवाल को 2018 में सैन्य खुफिया प्रभाग और एटीएस ने गिरफ्तार किया था.

नागपुर की जिला अदालत ने सोमवार को निशांत अग्रवाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व अभियंता निशांत अग्रवाल को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने और गोपनीय जानकारी देने का दोषी ठहराते हुए सोमवार को उम्रकैद की सजा सुनाई.

अदालत के आदेश के अनुसार अग्रवाल को 14 साल तक आजीवन कारावास की सजा भुगतनी होगी और साथ ही उसपर तीन हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.

जानें CRPC की किन धाराओं के तहत मिली सजा?

बता दें कि अतिरिक्त सत्र न्यायालय के न्यायाधीश एमवी देशपांडे ने अपने आदेश में बताया कि अग्रवाल को धारा-66 (एफ) और शासकीय गोपनीयता अधिनियम की विभिन्न धाराओं के अनुसार किए गए अपराध के लिए भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा-235 के तहत दोषी बताया जाता है. अग्रवाल को उम्रकैद और 14 साल की आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

ATS ने किया गिरफ्तार

अग्रवाल नागपुर स्थित कंपनी के मिसाइल केंद्र में तकनीकी अनुसंधान प्रभाग में काम करते थे और उन्हें 2018 में सैन्य खुफिया प्रभाग और उत्तर प्रदेश एवं महाराष्ट्र के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) के संयुक्त अभियान के तहत गिरफ्तार किया गया था.अग्रवाल चार साल से ब्रह्मोस के केंद्र में काम करते थे और पाकिस्तान की ISI को संवेदनशील तकनीकी जानकारी देने का आरोपी था.

ब्रह्मोस एयरोस्पेस, भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और रूस के मिलिट्री इंडस्ट्रियल कंसोर्टियम का संयुक्त उद्यम है. अग्रवाल को बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने पिछले साल अप्रैल में जमानत दे दी थी.सुपरसोनिक और क्रूज़ मिसाइल के विकास और निर्माण का काम करता था.

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