खुदाई के दौरान मिले 2000 साल पुराने सोने के जेवरात, जिसकी खासियत जान हैरान रह जाएंगे आप

Viral News: आज के वक्त में भले ही धरती पर रहने वाले लोग कितने ही मॉडर्न हो गए हो, लेकिन धरती पर ऐसी कई सभ्यताएं पनपी है, जो आज के वक्त के इंसानों की तरह ही इस धरती पर अपना जीवनयापन कर रहे थे। लेकिन ये कम वक्त में ही अलग-अलग वजहों से गायब हो […]

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खुदाई के दौरान मिले 2000 साल पुराने सोने के जेवरात, जिसकी खासियत जान हैरान रह जाएंगे आप

Sajid Hussain

  • June 2, 2024 9:25 am Asia/KolkataIST, Updated 6 months ago

Viral News: आज के वक्त में भले ही धरती पर रहने वाले लोग कितने ही मॉडर्न हो गए हो, लेकिन धरती पर ऐसी कई सभ्यताएं पनपी है, जो आज के वक्त के इंसानों की तरह ही इस धरती पर अपना जीवनयापन कर रहे थे। लेकिन ये कम वक्त में ही अलग-अलग वजहों से गायब हो गईं। इनके बारे में हमें जानकारी तब मिलती है, जब इनसे जुड़ी कोई चीज हमारे सामने आए। हाल के दिनों में ऐसा ही कुछ लोगों के बीच काफी सुर्खियों में आया है, जिसे देखने के बाद हर कोई दंग रह गया है।

खुदाई के दौरान मिले सोने के जेवरात

लाइव साइंस की रिपोर्ट के अनुसार पुरातत्वविदों को दक्षिणी कजाकिस्तान के तुर्किस्तान इलाके में ऐसा ही एक खजाना मिला। यहां खुदाई के दौरान 2000 वर्ष पुराने सोने के जेवरात पाए गए, जिन्हें पुरातत्वविद बहुत खास बता रहे हैं। रिपोर्ट में इसको लेकर बड़े विस्तार से कहा गया कि ओजबेकाली झानिबेकोव यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं की टीम ने ओरदाबासिंस्की जिले में तीन दबे हुए टीलों की खोजा है, हैरानी की बात तो ये है कि इनमें दो टीलों को पहले ही किसी के द्वारा लूट लिया गया था और उनमें से एक सुरक्षित बचा है। जो कि अब खोज ली गई है और उसमें से रोमन शैली का ब्रोच मिला है जिसे दुनिया फिबुला के नाम से जानती है।

इसके अलावा खुदाई के दौरान बड़े और छोटे मोती, दो सोने की बालियां, एक कांस्य शीशा और मिट्टी का जग, एक बेल्ट की बकल और सिरा पाया गया है। सबसे हैरान करने वाली बात तो ये है कि बालियां अर्धचंद्राकार में बनी हुई थी। नीचे अंगूरों के गुच्छे जैसे सोने के बटन लगे हुए हैं, जो सूरज की रोशनी को प्रतिबिंबित करने के लिए तैयार किए गए हैं। इन बालियों को देखने के बाद रिसर्च टीम के हेड अलेक्जेंडर पोदुश्किन ने कहा कि मेरे हिसाब से ये कलाकृतियां कांगजू शासनकाल की है, जिसका शासन यहां पांचवीं शताब्दी ईसा पूर्व से चौथी शताब्दी ईस्वी के बीच तक रहा है।

इसके अलावा विशेषज्ञों ने इन बालियों को लेकर कहा है कि मेरे अनुमान से ये कलाकृतियां इस साम्राज्य में तब बनाई गई होंगी। जब रोम के कांगजू शासन और प्राचीन चीन व दक्षिण में कुषाण साम्राज्य के साथ व्यापार होता होगा। यही वजह है कि बालियों को बनाने की शैली गोल आकार में थी। इसके साथ ही इन बालियों को लेकर यह भी दावा किया जा रहा है कि इन बालियों के साथ जिस महिला को दफन किया गया था वो काफी ज्यादा धनी और प्रभावशाली थी।

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