असहिष्णुता को पीछे छोड़ मुस्लिम ग्रुप ने छुड़ाए हिंदू कैदी, रची मिसाल

चाहे, एक ओर 'असहिष्णुता' को लेकर बहस छिड़ी हुई हो लेकिन आज भी देश में सांप्रदायिक सद्भाव भावनाएं कही न कही जगी हुई है. यूपी के बरेली में अनूठी मिसाल का वाक्या पेश आया है जहां जेल में मामूली अपराध के लिए कैदी बना लिए गए 15 हिंदूओं को कुछ मुस्लिम व्यक्तियों के ग्रुप ने रिहा करा लिया.

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असहिष्णुता को पीछे छोड़ मुस्लिम ग्रुप ने छुड़ाए हिंदू कैदी, रची मिसाल

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  • November 27, 2015 1:43 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
बरेली. चाहे, एक ओर ‘असहिष्णुता’ को लेकर बहस छिड़ी हुई हो लेकिन आज भी देश में  सांप्रदायिक सद्भाव भावनाएं कही न कही जगी हुई है.  यूपी के बरेली में अनूठी मिसाल का वाक्या पेश आया है, जहां जेल में मामूली अपराध के लिए कैदी बनाए गए 15 हिंदूओं को एक मुस्लिम ग्रुप ने रिहा करा लिया है. 
 
चंदे से इकठ्ठी की जुर्माने की राशि
 
जानकारी है कि कैदी बनाए गए हिंदुओं के परिजन जुर्माने की राशि दे नहीं पा रहे थे ऐसे में मुस्लिम ग्रुप ने चंदा इकठ्ठा कर राशि को जमा करना शुरु कर दिया. बता दें कि सभी को बिना टिकट यात्रा करने जैसे अपराध में बंदी बनाया गया था. रकम न चुकाने की वजह से सभी को सजा भुगतनी पड़ रही थी. 
 
जुर्माने की रकम चुकाने वाले मुस्लिम ग्रूप के संयोजक हाजी यासीन कुरैशी और उनके साथियों ने रिहा हुए नंद किशोर का गले लगाकर स्वागत किया. जेल से छूटे इन्हीं कैदियों में से एक  ने अपने हिस्से की सजा तो पूरी कर ली थी लेकिन जुर्माने के 1000 रुपए न दे पाने पर उसे अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ रही थी.
 
जेल के बाहर किया स्वागत
 
जेल से छूटे इन सभी कैदियों ने हाजी यासीन और उनके ग्रूप के बाकी सदस्यों का शुक्रिया अदा किया और भविष्य में ऐसा कोई भी अपराध न दोहराने का वादा किया.  कुरैशी ने कहा, ‘जब हमें इन लोगों के बारे में जेल प्रशासन से पता चला, तो हमें लगा कि हमें कुछ करना चाहिए. हमने कभी नहीं सोचा कि हमें सिर्फ अपने समुदाय के लोगों के लिए ही आगे आना चाहिए.’
 
 

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