भुवनेश्वर. ओडिशा के रहने वाले और एक चाय बेचने वाले के बेटे ने राष्ट्रीय कौशल प्रतियोगिता (नेशनल स्किल कंप्टीशन) में जीत हासिल कर दुनिया के सामने मिसाल पेश की है. जीत से उत्साहित श्रीकांत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर जीत का सर्टिफिकेट उन्हीं के हाथों से लेना चाहता है.
दरअसल, श्रीकांत पीएम मोदी से बहुत प्रभावित हैं क्योंकि मोदी ने कई बार इस बात का जिक्र किया है कि शुरूआती दिनों में वे चाय बेचा करते थे. इस बीच श्रीकांत को बहुत सारी प्राइवेट कंपनियों से नौकरी के ऑफर मिल चुके हैं. लेकिन, वह सरकारी नौकरी कर अपने पिता और परिवार की मदद करना चाहता है.
कौन हैं श्रीकांत साहू?
ओडिशा में नबरंगपुर के रहने वाले श्रीकांत साहू के पिता बलराम साहू झारीगांव ब्लॉक में चाय की दुकान लगाते हैं. श्रीकांत ने 10वीं की पढ़ाई गवर्नमेंट न्यू पंचायत हाई स्कूल से की. 2009 में उमरकोट में कॉमर्स की पढ़ाई की. साहू ने कहा, “मैं बी कॉम की डिग्री लेना चाहता था और चार्टर्ड अकाउंटेंट बनना चाहता था लेकिन आर्थिक तंगी के कारण मुझे वह सपना भूलना पड़ा.” साहू ने 2010 में आईटीआई बरहमपुर में एडमिशन के लिए अप्लाई किया था.
श्रीकांत का कहना है कि मोदी ग्रामीण युवकों के लिए रोल मॉडल हैं और वह मोदी के मेक इन इंडिया से काफी प्रभावित है. श्रीकांत ने मोटरव्हीकल कैटेगरी में 398 अंकों के साथ टॉप किया है. नेशनल स्किल कंप्टीशन के टॉपर को 50,000 रुपए पुरस्कार राशि भी दी जाती है. कंप्टीशन में आईटीआई बरहमपुर को 2014-15 का बेस्ट ट्रेड अवॉर्ड देने की घोषणा की गई है.