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15 वर्षीय प्रितिस्मिता भोई ने वेटलिफ्टिंग में रचा इतिहास, 133 किलो वजन उठाकर जीता स्वर्ण पदक

नई दिल्लीः ओडिशा के पिछड़े जिले ढेंकनाल की 15 वर्षीय वेटलिफ्टर प्रितिस्मिता भोई ने पेरू की राजधानी लीमा में इतिहास रच दिया है। उन्होंने वर्ल्ड यूथ वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में विश्व रिकॉर्ड बनाते हुए स्वर्ण पदक जीता। प्रितिस्मिता ने 40 किलोग्राम भार वर्ग में कुल 133 (57+76) किलोग्राम वजन उठाया। उन्होंने क्लीन एंड जर्क में 76 […]

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15 वर्षीय प्रितिस्मिता भोई ने वेटलिफ्टिंग में रचा इतिहास, 133 किलो वजन उठाकर जीता स्वर्ण पदक
  • May 24, 2024 9:30 am Asia/KolkataIST, Updated 7 months ago

नई दिल्लीः ओडिशा के पिछड़े जिले ढेंकनाल की 15 वर्षीय वेटलिफ्टर प्रितिस्मिता भोई ने पेरू की राजधानी लीमा में इतिहास रच दिया है। उन्होंने वर्ल्ड यूथ वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में विश्व रिकॉर्ड बनाते हुए स्वर्ण पदक जीता। प्रितिस्मिता ने 40 किलोग्राम भार वर्ग में कुल 133 (57+76) किलोग्राम वजन उठाया। उन्होंने क्लीन एंड जर्क में 76 किलोग्राम वजन उठाकर 75 किलोग्राम का विश्व रिकॉर्ड तोड़ दिया। ओडिशा की ही ज्योशना साबर ने कुल 125 किलोग्राम वजन के साथ इसी भार वर्ग में रजत पदक जीता। विश्व रिकॉर्ड बनाने वाली पहली युवा मीराबाई चानू के बाद दूसरे नंबर पर हैं और प्रितिस्मिता युवा वर्ग में विश्व रिकॉर्ड बनाने वाली देश की पहली वेटलिफ्टर हैं। चानू सीनियर वर्ग में क्लीन एंड जर्क का विश्व रिकॉर्ड बना चुकी हैं।

मां ने संघर्षों से पाला

बता दें, जब वह दो साल की थी, तो उसके पिता का साया उठ गया। कोच ने स्कूल में दौड़ते देखा तो मां से गुहार लगा बनाया वेटलिफ्टर प्रीतिस्मिता सिर्फ दो साल की थीं, मां के लिए कई परेशानियां आई. एक पिता के रूप में, उन्होंने अपनी दो बेटियों के पालन-पोषण के लिए संघर्ष किया और उन्हें डेहनकल के केंद्रीय विद्यालय में दाखिला दिलाया। यहां कोच गोपाल कृष्ण दास ने बहनों को स्कूल की दौड़ में भाग लेते देखा और उन्हें वेटलिफ्टर बनाने का फैसला किया। दोनों ने चार साल के भीतर प्रारंभिक परिणाम दिखाए।

बहन भी हैं राष्ट्रीय पदक विजेता

गोपाल बताते हैं कि वह केंद्रीय विद्यालय की स्कूल मीटिंग में गए थे। यहां दो बहनें बड़ी विदुस्मिता और छोटी प्रीतिस्मिता 100, 400 मीटर की दौड़ में प्रथम और दूसरे स्थान पर आ रहीं थीं। उन्हें लगा कि वे दोनों ताकतवर लिफ्टर बन सकती हैं। तब उन्होंने उनकी मां जमुना देवी से बात की। वह तैयार नहीं हुई कि वजन उठाने वाले खेल में उनकी बेटियों आएं। काफी समझाने के बाद वह तैयार हो गईं। जानकारी के लिए बता दें विदुस्मिता भी राष्ट्रीय यूथ वेटलिफ्टिंग, खेलो इंडिया में पदक जीत चुकी हैं।

पहले दिन भारत के खाते में आए 4 पदक

लीमा (पेरू) में चल रही चैंपियनशिप के पहले दिन भारत को 4 पदक मिले। 40 भारवर्ग में प्रीतिस्मिता और ज्योशना के अलावा 45 भारवर्ग में पायल ने 147 (65+82) किलो वजन उठाकर रजत जीता। लड़कों के 49 भारवर्ग में बाबूराम हेंब्रोम ने कुल 193 (86-107) किलो वजन के साथ कांस्य जीता।

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