अरबों की दौलत छोड़ जैन मुनि क्यों बनते हैं लोग?

अक्सर आप ये खबर पढ़ते होंगे कि अरबों की संपत्ति के मालिक ने जैन धर्म की दीक्षा ले ली.

सवाल ये उठ रहा है कि जी तोड़ मेहनत करके सफल बिजनेस खड़ा करने वाले लोग ऐसा क्यों करते हैं?

जैन समाज के धार्मिक गुरू मानते हैं इस आधुनिक युग में इंसान बहुत ज्यादा तनाव और प्रेशर में जिंदगी को जीने लगा है.

जैन धर्म की दीक्षा लेने के बाद दुनियादारी से परेशान यही लोग मोह माया की से दूर होकर अध्यात्म की ओर बढ़ने लगते हैं.

शायद यही वजह है कि लोग मॉडर्न और चमक धमक भरी दुनिया से दूर जाकर संन्यास जैसे कठोर जीवन को चुन रहे हैं.