मुंबई: इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए ग्वालियर से नवी मुंबई आए कार्तिक आर्यन तिवारी की हिंदी फिल्मों की कहानी उत्तर भारत के उन वंचित युवाओं के लिए एक प्रेरणादायक कहानी है, जो बिना किसी फिल्मी पारिवारिक पृष्ठभूमि के बड़े परदे पर मौका पाने के ख्वाब बुनते हैं। अपनी नई फिल्म ‘चंदू चैंपियन’ का ट्रेलर लॉन्च […]
मुंबई: इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए ग्वालियर से नवी मुंबई आए कार्तिक आर्यन तिवारी की हिंदी फिल्मों की कहानी उत्तर भारत के उन वंचित युवाओं के लिए एक प्रेरणादायक कहानी है, जो बिना किसी फिल्मी पारिवारिक पृष्ठभूमि के बड़े परदे पर मौका पाने के ख्वाब बुनते हैं। अपनी नई फिल्म ‘चंदू चैंपियन’ का ट्रेलर लॉन्च करने के लिए वह फिल्म की पूरी टीम और देश भर के फिल्म पत्रकारों के साथ अपने गृहनगर ग्वालियर पहुंचे तो बहुत भावुक दिखे.
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अभिनेता कार्तिक आर्यन कहते हैं ‘ये मेरे लिए किसी सपने जैसा ही अब भी लग रहा है. इसी शहर की गलियों में मैंने हीरो बनने के सपने देखे थे, और अब जबकि इसी शहर के लोगों से इतना प्यार मिल रहा है तो मैं समझ ही नहीं पा रहा हूं कि ये वाकई में ही हो रहा है.’ मंच पर कार्तिक आर्यन और ठीक सामने सोफे पर बैठे उनके पिता डॉ. मनीष तिवारी, दोनों को ग्वालियर के लोगों ने खूब बधाइयां दी.
अभिनेता के अनुसार ‘मेरी सफलता में मेरे माता-पिता और मेरी मातृभूमि के आशीर्वाद ने सबसे ज्यादा काम किया है. माता-पिता को दुखी करके तो कोई बेटा सफल हो ही नहीं सकता और बेटे की सफलता पर माता-पिता से ज्यादा दूसरा कोई खुश भी नहीं होता.
पिछले डेढ़ साल से मैंने फिल्म ‘चंदू चैंपियन’ के सिवा कुछ दूसरा दिमाग में आने ही नहीं दिया. मैं मानता हूं कि ये मेरी अब तक की सबसे मुश्किल फिल्म रही है, लेकिन ये मेहनत करते हुए मुझे सबसे ज्यादा आनंद भी आया’.
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