कनॉट प्लेस को देखने न केवल भारत बल्कि देश के बाहर से भी लोग यहां की सुंदरता देखने आते हैं. कनॉट प्लेस व्यापारिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र माना जाता है.
कनॉट प्लेस का नाम ब्रिटिश शाही व्यक्ति ड्यूक ऑफ कनॉट और स्ट्रैथर्न के नाम पर रखा गया है.
ब्रिटिश सरकार द्वारा 1929 में इसे बसाया गया. उस समय कनॉट प्लेस को बनाने में करीब पांच साल का समय लगा था.
इसकी डिजाइन का श्रेय ब्रिटिश वास्तुकार राबर्ट टोर रसेल को दिया जाता है.
30 हेक्टेयर में फैला कनॉट प्लेस खरीदारों के लिए ड्रीम प्लेस है. कनॉट प्लेस अपनी जॉजियाई शैली की वास्तुकला के लिए भी जाना जाता है.
कनॉट प्लेस में कई मालिक हैं. संपत्ति के हिसाब से देखें तो भारत सरकार इस जगह की असली मालिक है.
पुरानी दिल्ली किराया नियंत्रण अधिनियम 1958 के तहत कनॉट प्लेस में कई संपत्तियों का मासिक किराया 3500 रुपये से कम है.