दिल्ली का क्रूर शासक, जिसने चलवाई थी खून और लोह की नीति
भारत में कई शासकों ने अपनी महानता से इतिहास में अपना नाम दर्ज कर दिया तो कई इतने क्रूर शासक हुए कि उनकी क्रूरता के किस्से आज भी मशहूर हैं.
उन्हीं में एक शासक मध्यकाल में था. जिसका नाम बलवन था. बलवन एक समय इल्तुमिश का गुलाम हुआ करता था. जो इतना क्रूर शासक बना कि उससे बोलने की हिम्मत उसके दरबारी भी नहीं कर पाते थे.
ऐसे में वो जितनी लंबी दाढ़ी रखता उतना ही लंबा मुकुट भी पहनता, जिससे उसे लोग देखते ही भयभीत हो जाते थे.
बलबन ने अपने शासनकाल में क्रूरता की हदें पार कर दी थीं. वो अपने 40 साथियों को मारकर सत्ता में आया था.
वहीं एक बार उसके समय में 1279 में बंगाल के सूबेदार तुगरिल खां ने विद्रोह किया और खुद के नाम से सिक्के चलवाए थे.
इससे गुस्से में आकर बलबन ने वहां जाकर उस विद्रोह को ना सिर्फ दबाया।
कहा जाता है कि उसने मारे गए लोगों को सड़कों के किनारे खंभों से लटकाया और उनके सिर में कीलें तक ठुकवा दी थीं.
जिससे लोगों में उसके नाम का भय फैल जाए और कोई विद्रोह करने की हिम्मत ना जुटा पाए. शासन करने की उसकी आक्रामक नीति को रक्त और लौह की नीति कहा जाता था.