भांग के नाम से अधिकांश लोग परिचित होंगे. होली के त्योहार में तो खासकर लोग भांग वाली ठंडई पीते हैं.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि गांजा, भांग और चरस इन तीनों नशे में क्या अंतर है. आखिर ये किन पौधे से तैयार होता है.
बता दें कि भांग जो है वो भांग के पौधे से ही तैयार होता है. इसे कैनबिस के नाम से भी जानते हैं.
वहीं इसी भांग के पौधे से खाने के लिए भांग, पीने के लिए गांजा और ज्यादा नशे के लिए चरस बनाई जाती है. सवाल ये है कि आखिर एक पौधे से कैसे तीन तरह के नशे तैयार होते हैं.
जानकारी के मुताबिक भांग, गांजा और चरस जैसे तीन ड्रग्स देने वाले पौधे की भारत में पाई जाने वाली प्रजाति का साइंटिफिक नाम कैनबिस इंडिका है.
इसके अलावा भांग बनाने के लिए आमतौर पर इसकी मादा प्रजाति के पौधे का इस्तेमाल किया जाता है. इसकी पत्तियों और बीजों को पीस लिया जाता है, जिसके बाद इससे बने पेस्ट को भांग कहते हैं.
वहीं कैनबिस यानी भांग के पौधों की कलियों को संस्कृत में गांजा कहा गया है. इसके फूलों और पत्तियों को सुखा लिया जाता है.
जिसके बाद इसे बारीक करके तंबाकू की तरह चिलम या फिर सिगरेट में भरकर उसका धुआं पिया जाता है. इस नशीले पदार्थ को ही गांजा कहा जाता है.
भांग फूलों को तोड़कर घंटों रगड़ने से इसकी चरस की गुणवत्ता उतनी ही बेहतर होती है. भांग की कीमत सबसे कम होती है, जबकि चरस की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में लाखों रुपये तक पहुंच जाती है.