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अदालत में गिड़गिड़ाया 1993 बम धमाके का दोषी फिरोज, कहा- मुझे फांसी मत देना साहब, उम्रकैद दे दो

1993 बम धमाका मामले में दोषी फिरोज खान ने आज अदालत में फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की गुहार लगाई. फिरोज खान कटघरे में फूट-फूटकर रोते हुए बोला कि ' साहब, मुझे चाहे 25 साल या 50 साल चाहे जितनी भी सजा दे दो लेकिन फांसी की सजा मत दो. मैं जेल में जिंदगी गुजार दूंगा, बस मेरे दो बच्चों को मालूम रहना चाहिए कि मैं जिंदा हूं.'

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  • June 20, 2017 12:48 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
मुंबई: 1993 बम धमाका मामले में दोषी फिरोज खान ने आज अदालत में फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की गुहार लगाई. फिरोज खान कटघरे में फूट-फूटकर रोते हुए बोला कि ‘ साहब, मुझे चाहे 25 साल या 50 साल चाहे जितनी भी सजा दे दो लेकिन फांसी की सजा मत दो. मैं जेल में जिंदगी गुजार दूंगा, बस मेरे दो बच्चों को मालूम रहना चाहिए कि मैं जिंदा हूं.’
 
फिरोज खान ने अदालत में माना कि कि वो दुबई में हुई मीटिंग में मौजूद था. उसे हथियारों की ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान जाने को कहा गया लेकिन उसने मना कर दिया. दोषी साबित होने से पहले फिरोज खान खुद को हमजा बता रहा था और कह रहा था कि उसे गलत आदमी समझकर गिरफ्तार किया गया है. उसने पहली बार कोर्ट में खुद को फिरोज माना.
 
 
अदालत में रहम की गुहार लगाते हुए उसने कहा कि उसकी बीवी दुबई में मेहंदी लगाने का काम करती है और उसके दो बच्चें है जिनकी पढाई के लिए पैसों की दिक्कत है. उसके पिता नेवी से रिटायर हुए हैं और वो गिरफ्तारी से पहले अपने परिवार का इकलौता कमाने वाला सदस्य था. 
 
फिरोज की तरफ से क्राइम की गंभीरता को कम साबित करने वाले आखिरी दो गवाह कल अदालत में पेश होंगे.   
 

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