नई दिल्ली : कम लागत में कैसे अधिक-अधिक से मुनाफा कमाया जाता है, ये बात भला उद्योगपति अजय सिंह से बेहतर कौन जान सकता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि सस्ती उड़ानों के लिए देश भर में मशहूर एयरलाइन कंपनी स्वाइसजेट को आज से दो साल पहले अजय सिंह ने महज दो रुपये में कलानिधि मारन से अधिगृहित कर ली थी.
हाल ही में अजय सिहं और मारन के बीच विवाद मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले से ये बात सामने आई है कि जनवरी 2015 में दोनों के बीच एक करार हुआ था, जिसके मुताबिक अजय सिंह ने कंपनी के प्रमोटर कलानिधि मारन से एयरलाइन कंपनी स्पाइसजेट के करीब 35 करोड़ यानी कि 58.46 पर्सेंट शेयर महज 2 रुपये में खरीदे थे.
शायद यह इतिहास में पहली बार हुआ है, जब भारत में इतनी कम राशि पर भारत में किसी लिस्टेड कंपनी को अधिगृहित किया गया. एसपीए में शेयर प्राइस के अनुसार, उस समय मारन की हिस्सेदारी 765 करोड़ रुपये थी. अब स्पाइसजेट के शेयर की कीमत 120 रुपए तक पहुंच चुकी है, यानी कि अजय सिंह के 58.46 फीसदी हिस्से की कीमत लगभग 4,400 करोड़ रुपए तक पहुंच चुकी है.
हालांकि, बीजेपी को अबकी बार मोदी सरकार का स्लोगन देने वाले अजय सिंह ने जब स्पाइसजेट का अधिग्रहण किया था तो उसके आर्थिक हालात बहुत खराब थी. वित्तवर्ष 2014-15 के दौरान स्पाइसजेट को 687 करोड़ रुपए का घाटा उठाना पड़ा था और कंपनी नेट वर्थ निगेटिव 1,329 करोड़ रुपए हो गई थी. उसी साल कंपनी पर कुल कर्ज 1,329 करोड़ रुपये हो गया था और कंपनी पर शॉर्ट टर्म देनदारी करीब 2,000 करोड़ रुपये की थी. बावजूद इसके अजय सिंह ने स्पाइसजेट को घाटे से ऊबारा था.
बताया जाता है कि यह डील महज 15 दिनों में पूरी हो गई थी. हालांकि, 2 रुपये में खरीदे जाने की बात पर स्पाइसजेट के एक अधिकारी ने कहा कि यह कहना है कि, अजय सिंह ने स्पाइसजेट को महज 2 रुपये में खरीदा था, यह बात बिल्कुल आधारहीन और सच्चाई से परे है.
16 दिसंबर 2014 को मारन परिवार के नियंत्रण वाले स्पाइसजेट ने सरकार को सभी उड़ानों को रद्द करने की सूचना दी थी और 17 दिसंबर, 2014 को 4 बजे मारन परिवार ने स्पाइसजेट को बंद करने की घोषणा कर दी थी.