September 24, 2024
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पुण्यतिथि: जानिए कैसे गुरु तेग बहादुर ने हिंदुओं के लिए दे दी थी अपनी जान की कुर्बानी

  • WRITTEN BY: admin
  • LAST UPDATED : November 24, 2016, 6:53 am IST
नई दिल्ली: विश्व इतिहास में धर्म एवं मानवीय मूल्यों, आदर्शों एवं सिद्धांत की रक्षा के लिए जान की कुर्बानी देनें वाले गुरु तेग बहादुर की आज पुण्यतिथि है. गुरु तेग बहादुर सिखों के नवें गुरु माने जाते हैं.
 
आज हम आपको बताते हैं कैसे  गुरुजी ने ने अपनी संस्कृतिक विरासत की खातिर अपना सिर कटवा कर कैसे बचाई थी कई हिदुओं की जान..  
 
मुगल बादशाह औरंगजेब के दरबार में एक विद्वान पंडित रोज गीता के श्लोक पढ़ता और उसका अर्थ सुनाता था, पर वह पंडित हमेशा गीता में से कुछ श्लोक छोड़ दिया करता था. एक दिन पंडित बीमार हो गया और उसने औरंगजेब को गीता सुनाने के लिए अपने बेटे को भेज दिया लेकिन उसे बताना भूल गया कि उसे किन-किन श्लोकों का अर्थ राजा को नहीं बताना है. पंडित के बेटे ने जाकर औरंगजेब को पूरी गीता का अर्थ सुना दिया. 
 
 
गीता का पूरा अर्थ सुनकर औरंगजेब को यह पता चल गया कि हर धर्म अपने आप में महान है. औरंगजेब को अपने धर्म के अलावा किसी दूसरे धर्म की प्रशंसा सहन नहीं थी. तब उसी वक्त औरंगजेब ने सबको इस्लाम धर्म अपनाने का आदेश दिया था. इसलिए जबरदस्ती दूसरे धर्म को अपनाने से दूसरे धर्म के लोगों का जीवन कठिन हो गया. जुल्म सहन कर रहे लोग गुरु तेग बहादुर के पास आए और उन्हें बताया कि किस प्रकार उन्हें इस्लाम को स्वीकार करने के लिए मजबूर किया जा रहा है. 
 
उनकी बात सुबकर गुरु तेगबहादुर ने उन लोगों से कहा कि जाकर औरंगजेब से कह दें कि यदि गुरु तेगबहादुर ने इस्लाम धर्म ग्रहण कर लिया तो उनके बाद हम भी इस्लाम धर्म ग्रहण कर लेंगे. औरंगजेब ने यह बात मान ली . गुरु तेगबहादुर दिल्ली में औरंगजेब के दरबार में खुद गए. औरंगजेब ने गुरुजी को बहुत से लालच दिए पर गुरु तेगबहादुर नहीं माने. तब औरंगजेब ने उन पर बहुत अत्याचार किए. 
 
गुरुजी ने औरंगजेब से कहा कि अगर तुम जबरदस्ती लोगों से इस्लाम धर्म कुबूल करवाओगे तो तुम सच्चे मुसलमान नहीं हो क्योंकि इस्लाम धर्म यह नहीं कहता कि किसी पर अत्याचार करके मुस्लिम बनाया जाए. औरंगजेब यह सुनकर आगबबूला हो गया. उसने दिल्ली के चांदनी चौक पर गुरु तेगबहादुर का सिर काटने का हुक्म दिया और गुरु तेग बहादुर ने हंसते-हंसते अपने जान की कुर्बानी दे दी.
 
गुरु तेगबहादुर की याद में उनके शहीदी स्थल पर गुरुद्वारा शीश गंज साहिब नाम से गुरुद्वारा बनाया गया है.
 

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